मेरठ, 07 नवंबर (प्र)। नगर निगम के तिजोरी में 15वें वित्त से मिले लगभग 20 करोड़ रुपये पड़े हैं और शहर के लोग गड्ढों में तब्दील सड़कों पर चलने को मजबूर हैं। प्रदेश में कभी भी निकाय चुनाव की आचार संहिता लागू हो सकती है पर इस रकम को खर्च करने के लिए 15 वें वित्त आयोग संबंधी बैठक नहीं बुलाई जा रही।
भूमिया पुल से हापुड़ अड्डा, गोलाकुआं से प्रह्लादनगर, लिसाड़ी गेट चौराहा तक टूटी सड़कों बात करें तो पैदल चलने योग्य भी नहीं है। इसी प्रकार माधवपुरम, खत्ता रोड की सड़कें खराब हैं। महापौर सुनीता वर्मा का कहना है कि 15वें वित्त की बैठक की तैयारियों के संबंध में कई बार अफसरों से बात हुई है। विकास को लेकर अधिकारियों की मंशा ही साफ नहीं है। इसकी रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
वहीं सरकार ने 15वें वित्त से निगम निगम 73 करोड़ रुपये जारी कर दिए हैं। इस धन से जहां कूड़े का निस्तारण होगा वहीं नालों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए पूर्व में भी नगर निगम प्रशासन प्रस्ताव बना चुका है। नगरीय निकाय उप्र सरकार की निदेशक नेहा शर्मा ने निगम को इस संबंध में पत्र भी भेज दिया है। इस धन को खर्च करने से पहले नगर निगम करो 15वें वित्त आयोग की मीटिंग में चर्चा करनी होगी। वहीं शहर में कूड़ा निस्तारण का बुरा हाल है। लोहियानगर में कूड़े का पहाड़ बन गया है। दूसरी तरफ गावड़ी में शहर के कूड़े का ठीक से निस्तारण नहीं हो पा रहा है।