मेरठ 07 जून (प्र)। मेरठ विकास प्राधिकरण की मोहिउद्दीनपुर में बनने वाली न्यू टाउनशिप करीब 300 हेक्टेयर भूमि में विकसित की जाएगी। इस योजना का महत्वपूर्ण बिंदू ये है कि इसका भू-उपयोग मिश्रित रहेगा। यही नहीं, शहर के प्राइवेट बिल्डरों को भी जमीन अधिग्रहण या फिर किसानों से खरीदने के बाद ही विकसित करने के लिए टाउनशिप में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसका मतलब ये है कि प्राधिकरण किसानों से जमीन खरीद रहा हैं, इसके बाद प्राइवेट बिल्डरों को सड़क, सीवर और स्ट्रीट लाइट की सुविधा उपलब्ध कराने के बाद प्राइवेट बिल्डर जमीन दी जाएगी, जिसमें प्राइवेट बिल्डर जमीन पर जो भू-उपयोग होगा, उस हिसाब से काम करेगा। प्राधिकरण मकान नहीं बनाएगा। प्राधिकरण के पहले ही शताब्दीनगर और अन्य योजना में मकान बनने के बाद खंडहर में तब्दील हो गए, जो बिक नहीं पाये। इसी से प्राधिकरण सबक लेते हुए प्राइवेट बिल्डरों को मकान और व्यवसायिक बिल्डिंग निर्माण करने के लिए जमीन उपलब्ध करायेगा।
टाउन प्लानर विजय कुमार के अनुसार 300 हेक्टेयर भूमि फिलहाल प्राधिकरण किसानों से खरीद रहा हैं। इसमें वो तमाम सुविधाएं होगी, जो टीओडी में दी जाती हैं। इसी वजह से इस जमीन का भू-उपयोग मिश्रित रखा जाएगा। प्राधिकरण का कार्य किसानों से जमीन खरीदकर उसके बाद आतंरिक सुविधाएं उपलब्ध कराना हैं, जिसको लेकर प्राधिकरण के अफसर जुटे हुए हैं।
वैसे तो पहले भी प्राधिकरण ने अधिग्रहण की गई जमीन को ब्लक में बेचा हैं, लेकिन जमीन को तभी दिया है, जब प्राधिकरण उस जमीन को नहीं बेच पाया था। इस बार ऐसा पहली बार हो रहा है कि जमीन प्राधिकरण खरीदकर पहले ही तय कर चुका है कि प्राइवेट बिल्डरों को मकान और फ्लैट बनाने के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
मेडा के मुख्य नगर नियोजक विजय कुमार सिंह ने बताया कि पहले फेज में 112 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होगा। इसमें छज्जूपुर में 30.09 और मोहिउद्दीनपुर में 111.79 हेक्टेयर जमीन पर टाउनशिप विकसित होगी। इससे 750 किसान प्रभावित होंगे। वहीं, 85 हेक्टेयर जमीन के लिए 437 किसानों ने पूर्ण सहमति दे दी है। मंगलवार को पांच बैनामे किए गए हैं। शीघ्र ही आठ खसरा संख्या भूमि के भी बैनामे होंगे।
मेडा के उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय ने बताया कि टाउनशिप में भव्य शोरूम, बहुमंजिली इमारतें, मॉल, शॉपिंग कांप्लेक्स, आईटी हब, ग्रुप हाउसिंग, कंपनियों के कार्यालय, मेडिसिटी सेंटर, इंस्टीट्यूशनल, औद्योगिक एवं अन्य प्रकार की मिक्स गतिविधियां होंगी। औद्योगिक गलियारा, जिसमें जेम्स एंड ज्वेलरी, कैंची, स्पोर्ट्स आदि उद्योग जिनको कम जगह की आवश्यकता होती है, उन्हें फ्लैटेड फैक्टरी के तौर पर भी यहां लाने की तैयारी है।
मेडा के सचिव एके सिंह ने बताया कि टाउनशिप मेरठ साउथ आरआरटीएस स्टेशन से लगभग 1.3 किमी, डीएफसी कॉरिडोर से लगभग 1.5 किमी, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे, बस स्टेंड, हरिद्वार बाईपास से लगभग दो किमी, मोहिउद्दीनपुर रेलवे स्टेशन से लगभग 1.5 किमी, परतापुर रेलवे स्टेशन से लगभग चार किमी और मेरठ सिटी से लगभग 10 किमी की दूरी पर होगी। इसलिए यह दिल्ली और एनसीआर के लोगों के लिए अनुकूल होगी।
मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) को गुरुवार को फिर चार किसानों ने जमीन के बैनामे कर दिये। ये जमीन खरीदी गई हैं ये लिंक मार्ग पर मौजूद थी। बैनामे के साथ ही प्राधिकरण की तरफ से बैंक में किसानों का भुगतान भी कर दिया। प्राधिकरण के अनुसार महेन्द्र सिंह, कालू, ब्रजपाल सिंह, मिथलेश आदि ने बैनामे किये हैं। शीघ्र ही करीब 300 हेक्टेयर भूमि पर बहुमंजिली इमारतें, पार्क, आईटी हब सहित अन्य सुविधाएं विकसित होंगी। बैनामे सहित अन्य खर्च मिलाकर मेडा ने 7,75,26,341 रुपये खर्च किए हैं। इससे पहले जो बैनामे हुए थे, उनमें कायस्थ गावड़ी और इकला गांव में बहुमंजिली इमारतें दिखाई देंगी। टाउनशिप के लिए प्रदेश सरकार ने 200 करोड़ रुपये का बजट मेडा को जारी किया है। इससे मेडा ने जमीनों की खरीद शुरू कर दी है।