मेरठ 12 अक्टूबर (प्र)। बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक दशहरे का पर्व आज है. आज ही के दिन भगवान श्रीराम ने लंकापति रावण का वध किया था और माता सीता को लंका से मुक्त कराया था. मेरठ यानी रावण की ससुराल में दामाद के वध को तैयारी पूरी हो चुकी हैं. यूपी में सबसे ऊंचा पुतला मेरठ में ही तैयार किया गया है. मेरठ में दशहरे पर ड्रोन से निगरानी की जाएगी। पर्व को लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट है।
शहर में 10 से ज्यादा स्थानों पर दशहरे का मेला आयोजित होगा। जिसमें बड़े पुतलों का दहन किया जाएगा। भैंसाली मैदान में मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट के सांसद अभिनेता अरुण गोविल स्वयं रावण का पुतला दहन करेंगे। पुतला दहन से पहले लगभग 1 घंटे तक सप्तरंगी आतिशबाजी की जाएगी। इसके बाद रावण दहन होगा।
वहीं मेरठ की सरधना सीट से सपा विधायक अतुल प्रधान विक्टोरिया पार्क में ही दशहरा मनाएंगे। अतुल प्रधान विक्टोरिया पार्क में 2 दिन से निजी और महंगी पढ़ाई और महंगे इलाज के खिलाफ धरने पर बैठे हैं। अतुल आज दशहरे पर यहीं दोनों बुराईयों का पुतला फूंकेंगे। निजी महंगी पढ़ाई और निजी चिकित्सा रूपी दो रावण के पुतले बनवाए गए हैं। इन दोनों पुतलों का दहन यहीं किया जाएगा।
बताते चले कि मेरठ को रावण की ससुराल कहा जाता है. क्योंकि यह रावण की पत्नी मंदोदरी का मायका है. यहां के कैंट क्षेत्र के भैंसाली ग्राउंड पर होने वाली रामलीला बेहद खास मानी जाती है. यहां इस बार 130 फीट का रावण का पुतला दहन किया जाएगा. रावण के पुतले के अलावा हर साल रावण के भाई कुंभकरण और बेटे मेघनाथ का पुतला भी तैयार किया जाता है और उनका भी दहन किया जाता है.
रावण, उसके भाई और पुत्र के पुतले को तैयार करने में लगे कारीगर असलम बताते हैं कि इस बार रावण के पुतले को 130 फीट का तैयार किया गया है. वहीं कुम्भकरण का पुतला 120 फीट का है और रावण के पुत्र मेघनाद का पुतला 110 फीट का तैयार किया गया है.
बताते हैं कि मेरठ में सबसे पहले रामलीला की शुरूआत 119 साल पहले हुई थी। मौजूदा वक्त में यहीं प्रसिद्ध रामलीला मेरठ के भैंसाली ग्राउंड में होती है। इसके अलावा जिमखाना मैदान, दिल्ली रोड, तोपखाना, शास्त्रीनगर, जेलचुंगी, सूरजकुंड में भी रावण दहन किया जाता है।
पिछले चार दिनों से लगातार पुलिस, प्रशासनिक अफसर लगातार संवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च कर रहे हैं। वहीं ड्रोन से निगरानी की जा रही है। सोशल मीडिया पर भी पुलिस की पूरी नजर है। ताकि कहीं से कोई भी गड़बड़ी न कर सके।