मेरठ 02 नवंबर (प्र)। गंगा एक्सप्रेसवे और हापुड़ रोड के बीच 1500 एकड़ जमीन पर नई टाउनशिप में 30 हजार मकान बनेंगे। इसके लिए 80 फीसदी किसान भूमि देने के लिए रजामंद हैं। अफसरों के मुताबिक शहर के बीच आ रहे इन गांवों को ग्रामीण क्षेत्र में नहीं शहरी क्षेत्र में गिना जा रहा है। ऐसे में आवास विकास दोगुनी कीमत का ही मुआवजा किसानों को देगा।
चार गुना दर पर योजना की वायबिलिटी नहीं बन रही है। 713 में से 577 किसान सहमति जता रहे हैं, जिसके बाद दरें निर्धारण को शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। दरें निर्धारण के बाद जमीन की खरीद शुरू होगी। अब लखनऊ से टीम मुआयने के लिए आएगी।
जागृति विहार एक्सटेंशन के बाद 19 साल बाद आवास विकास कोई योजना ला रहा है। नई भूमि अधिग्रहण नीति के तहत ग्रामीण क्षेत्र में जमीन लेने पर चार गुना मुआवजा देना होता है, लेकिन आवास विकास दोगुना कीमत ही किसानों को देगा। अधीक्षण अभियंता राजीव कुमार ने बताया कि चंदसारा, जुर्रानपुर, शाकरपुर, बाजौट, जाहिदपुर, ततीना सानी, सलेमपुर, गगोल, नरहेड़ा, डिकौली, गांव की जमीन चिह्नित की गई है। समझौते के आधार पर जमीन ली जाएगी। उन्होंने बताया कि 700 के करीब किसान प्रभावित हो रहे हैं, जिसमें 80 फीसदी किसान राजी हो गए हैं। दरें निर्धारण को पूरा प्रस्ताव शासन को भेज दिया गया है। योजना को स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। एक्सप्रेसवे या सड़क के लिए थोड़ी जमीन की आवश्यकता होती है, जबकि टाउनशिप के लिए काफी जमीन चाहिए होती है। ऐसे में जमीन की दर की दोगुना कीमत ही आवास विकास देगा।
हर वर्ग के लिए बनाए जाएंगे मकान
अफसरों के मुताबिक, योजना के लिए कराए गए कॉस्ट सर्वे के मुताबिक टाउनशिप में 30 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर होगी। ऐसे में 100 वर्ग मीटर का मकान 30 लाख रुपए के करीब होगा। उन्होंने बताया कि इसमें उच्च आय वर्ग, मध्यम आय वर्ग, दुर्बल आय वर्ग, इंडब्लूएस आवास का निर्माण होगा। इसके अलावा जागृति विहार, शास्त्रीनगर आदि योजनाओं की ही तरह अलग-अलग क्षेत्रफल के भूखंड भी उपलब्ध होंगे। वर्टिकल कल्चर को भी इस योजना में अपनाया जाएगा और टावर भी बनाए जाएंगे। अनुमान के मुताबिक एक लाख लोगों की मकान की जरूरत को वह टाउनशिप पूरा करेगी।