मेरठ 09 दिसंबर (प्र)। रविवार को मेरठ प्रदेश का सबसे ठंडा शहर रिकार्ड हुआ। हालांकि 24 घंटों में मौसम शुष्क रहा। मेरठ समेत वेस्ट यूपी में न्यूनतम तापमान में सामान्य से 1.6 से 3.2 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज हुई। माना जा रहा है कि अब धूप का असर कम होने से तापमान में गिरावट होने लगी है। वहीं देर शाम मेरठ समेत आसपास के क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान मेरठ समेत प्रदेश में मौसम शुष्क रहा। पूर्वी उत्तर प्रदेश में कहीं बहुत घना कोहरा छाया रहा, तो कहीं हल्के से मध्यम कोहरा छाया रहा। शनिवार को प्रदेश के सभी मंडलों में दिन के तापमान में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं हुआ। झांसी मंडल में दिन का तापमान सामान्य से अधिक (+1.6 डिग्री से +3.0 डिग्री सेल्सियस) और अन्य मंडलों में सामान्य (-1.5 डिग्री सेल्सियस से +1.5 डिग्री सेल्सियस) रहा।
मेरठ समेत प्रदेश में कहीं-कहीं बहुत हल्की से हल्की बारिश होने की संभावना है। सुबह के समय कोहरा छाए रहने की संभावना जताई गई है। पिछले 24 घंटे में न्यूनतम तापमान बरेली मंडल में सामान्य से काफी कम (-3.1 डिग्री सेल्सियस से -5.0 डिग्री सेल्सियस) रिकार्ड हुआ। वहीं मेरठ, वाराणसी, अयोध्या, मुरादाबाद एवं झांसी मण्डलों में सामान्य से कम (-1.6 डिग्री सेल्सियस से -3.2 डिग्री सेल्सियस) रहा।
मौसम पूर्वानुमान के तहत रविवार की रात को मेरठ में मौसम की पहली बारिश हुई। अब सोमवार से मौसम में बदलाव के आसार हैं। सुबह के वक्त कुछ हिस्सों में कोहरा छाने के आसार हैं। दोपहर बाद तेज हवाएं मैदानों को कंपाएंगी। दिन में हल्के बादल छाने के आसार हैं। वहीं, रात होते-होते मेरठ सहित वेस्ट यूपी के कुछ हिस्सों में हल्की बौछारें गिरने की उम्मीद है। बौछारों का यह क्रम अभी 24 घंटे तक जारी रह सकता है। हालांकि, सोमवार देर रात से उत्तरी-पश्चिमी सर्द हवाएं कड़ाके की सर्दी से मैदानों को कंपाना शुरू कर देंगे।
फसलों के लिए फायदेमंद होगी यह बारिश
कृषि वैज्ञानिक डॉ. आएस सेंगर के अनुसार रविवार रात हुई बरसात फसलों के लिए काफी लाभकारी है। रबी की फसलों के लिए कम तापमान की आवश्यकता होती है, जिससे उनमें उपापचय की क्रिया ठीक से हो सके। बारिश के चलते तापमान में अचानक गिरावट तो आएगी, जिससे फसलों को लाभ होगा। इन दिनों गेहूं, गन्ना, आलू, सरसों, मटर और अन्य सब्जियों की फसलों के लिए यह बारिश लाभकारी साबित होगी। इससे उत्पादन में बढ़ोतरी हो सकेगी। बारिश से पौधों को वातावरण से प्राकृतिक नाइट्रोजन फिक्सेशन प्राप्त हो सकेगी। यह बरसात पौधों को नेचुरल तरीके से नाइट्रोजन उर्वरक की थोड़ी मात्रा उपलब्ध करा देते हैं, जिससे पौधों में वृद्धि अच्छी होती है। किसानों को इन दोनों बारिश का इंतजार रहता है। निश्चित रूप से यह वर्षा रवी फसलों की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए लाभकारी होगी।