Sunday, December 22

गाजियाबाद व नोएडा का चिट्फंड कार्यालय मेरठ से होगा अलग, यहां तैनात कर्मचारी है मायूस

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मेरठ 22 जनवरी (प्र)। नोएडा गाजियाबाद के लोगों में है खुशी क्यों व्याप्त डिप्टी रजिस्टार कार्यालय में तैनात अफसर है मायूस क्योंकि एक खबर के अनुसार चिट्फंड सोसायटी कार्यालय मोहनपुरी में कुछ समय बाद सिर्फ बागपत मेरठ हापुड़ और बुलंदशहर के ही रजिस्ट्रेशन देखे जाएंगे। क्योंकि गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद का कार्यालय अब गाजियाबाद में खुलेगा।
एक खबर के अनुसार मोहनपुरी स्थित क्षेत्रीय कार्यालय डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज व चिट्स कार्यालय से अब गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर को अलग किया जाएगा। इन जनपदों के लिए गाजियाबाद में नया कार्यालय बनाने की तैयारी है। इसके लिए शासन द्वारा निर्देश जारी हो चुके हैं।

क्षेत्रीय कार्यालय डिप्टी रजिस्ट्रार फर्म्स सोसाइटीज व चिट्स कार्यालय में मंडल के सभी जनपदों में मौजूद समितियों के पंजीकरण व नवीकरण का कार्य, फर्म पंजीकरण, चिट्स ग्रुप पंजीकरण व अन्य प्रक्रिया पूरी होती है। इनमें सर्वाधिक पंजीकृत सोसाइटीज गौतमबुद्धनगर व गाजियाबाद की हैं। जहां के लोगों को सोसाइटी के कार्यों के लिए अभी मेरठ के चक्कर काटने पड़ते हैं। शायद इसीलिये अब गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर की सोसाइटीज से संबंधित कार्यों के लिए गाजियाबाद में कार्यालय खोला जाने का निर्णय लिया गया बताते है। जिसके बाद अब जल्द दोनों जनपदों की फाइलों व कुछ कर्मचारियों को भी गाजियाबाद स्थित नए कार्यालय में भेजने की तैयारी है।

मेरठ में होगा चार जनपदों का काम
दोनों जनपदों का कार्यालय अलग होने के बाद अब मंडल स्तरीय कार्यालय में मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़ और बागपत की समितियों व फर्म का कार्य होगा। हालांकि इन चारों जनपदों में आवासीय समिति व फर्म्स की संख्या कम होने के कारण अधिक दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि वर्तमान में मंडलीय कार्यालय में 60 प्रतिशत कार्य गाजियाबाद नोएडा दोनों जनपदों से संबंधित होता है, जबकि अन्य चार जनपदों का मात्र 40 प्रतिशत ही सोसाइटीज से संबंधित कार्य है।
मेरठ में तैनात रहने वाले संभावित कर्मचारियों के चेहरे पर मायूसी की चर्चा इसलिए है कि गाजियाबाद नोएडा की सारी समितियां एनजीओ और सोसायटी समृद्ध है अन्य जिलों की सब इतनी नहीं बताई जाती है। और यही मायूसी का कारण भी है क्योंकि इसी के हिसाब से सुविधा शुल्क व अन्य प्राप्तियां होती बताई जाती है। चर्चा है कि सोसायटी रजिस्ट्रेशन कराने में मदद करने वाले जो कुछ सलाहकार नीचे दफ्तर चला रहे है उनका काम भी होगा प्रभावित।

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