मेरठ 22 अगस्त (प्र)। जिला अस्पताल का निरीक्षण करने पहुंची मंडल आयुक्त सेल्वा कुमारी जे के सामने मरीजों व तीमारदारों ने हंगामा किया। उन्होंने अस्पताल के चिकित्सकों पर उपचार न करने का आरोप लगाया। इस पर कमिश्नर नाम नाराजगी जताई और अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों को मरीज का उचित उपचार करने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने पोषण पुनर्वास केंद्र में देहात के बच्चों को आशा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा भर्ती न कराए जाने पर नाराजगी जताई और व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए।
कमिश्नर ने जिला अस्पताल में पोषण पुनर्वास केंद्र का निरीक्षण किया या उन्होंने रजिस्टर्ड चेक किया और जिन मरीजों की छुट्टी की गई उनके परिजनों से मोबाइल पर बात करके उपचार मिलने के संबंध में जानकारी ली। एक मरीज के तीमारदार ने बताया कि उचित उपचार न मिलने पर उन्हें दोबारा बच्चों को भर्ती करना पड़ा।
उन्होंने चिकित्सकों से जवाब तलब किया। चिकित्सकों ने बताया कि कुछ तीमारदार मरीज को घर ले जाकर उसके उपचार में ढलाई बरतते हैं और परहेज नहीं करते। ऐसे मरीज दोबारा भारती करना पड़ते हैं। कमिश्नर ने तीमारदारों को मरीज के उपचार और देखभाल व परहेज के बारे में जागरूक करने के निर्देश दिए। मंडल आयुक्त ने आईसीयू वार्ड का निरीक्षण किया उन्होंने ऑक्सीजन को चलवा कर देखा और ऑक्सीजन ऑडिट की जानकारी ली।
चिकित्सा अधीक्षक ने बताया कि यहां ऑक्सीजन ऑडिट नहीं एमसी होता है। कमिश्नर ने उन्हें ऑक्सीजन ऑडिट करने के निर्देश दिए। इसके बाद जब मंडल आयुक्त पर्ची वितरण केंद्र के पास पहुंची तो मरीज ने उन्हे घेर लिया और हंगामा किया। मरीज और तिमारदारो ने बताया कि जिला अस्पताल में उन्ह उपचार नहीं दिया जा रहा।
चिकित्सक वार्ड में जाकर मरीजों को नहीं देखते। स्टाफ ड्रिप नहीं लगता। मरीज बिना दवा के लेटे रहते हैं इस पर मंडल आयुक्त ने नाराजगी जताई और चिकित्सकों को उचित उपचार देने के निर्देश दिए। इसके बाद मंडल आयुक्त ने इमरजेंसी वार्ड का निरीक्षण किया और यहां आने वाले मरीज के उपचार के बारे में जानकारी ली।