Thursday, November 21

मेरठ मंडल की सभी मंडियों का होगा जीर्णोद्धार, कुछ नई दुकानें भी बनेंगी, पुरानी होंगी रिपेयर

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मेरठ 21 नवंबर (प्र)। मेरठ मंडल की सभी मंडियों का स्वरूप बदला नजर आएगा मंडियों के जीणोद्धार के लिए प्रस्ताव तैयार कर लिए गए हैं। जहां मंडियों की पुरानी दुकानों की मरम्मत व रंगाई पुताई होंगी वहीं नई दुकानों का भी निर्माण होगा। इतना ही नहीं मंडी समिति की ओर से देहात में सड़कों का भी निर्माण किया जाएगा। शासन से प्रस्तावों को स्वीकृति मिलते ही काम शुरू हो जाएगा।
मेरठ मंडल में मेरठ, गाजियाबाद, गीतमबुद्धनगर, हापुड़, बागपत आदि जनपदों में फल, सब्जी और खाद्यान मंडी हैं। हापुड़ में गुड़ का बड़ा कारोबार होता है। यहां से गुड़ गुजरात ही नहीं बल्कि विदेशों में भी निर्यात होता है। सभी मंडियों में कारोबार बढ़ने के साथ मंडियां छोटी पड़ती जा रही हैं। सभी मंडियों में किसान और व्यापारियों की सुविधा के लिए सरकार ने दुकानें और किसान भवन भी बनवाए हुए हैं।
काफी समय से मंडियों में दुकानों की मरम्मत आदि का कार्य नहीं हुआ है। इस बार शासन ने सभी मंडी समितियों सेमंडियों के जीर्णोद्धार के लिए प्रस्ताव मांगे हैं। ताकि मंडियों की दुकान व अन्य भवनों की मरम्मत पीने का पानी, पथ प्रकाश, शौचालय आदि की व्यवस्था की जा सके। मंडियों में कारोबार को बढ़ाने के लिए शासन ने अधिकतर सभी मंडियों में खाली पड़ी जमीनों पर दुकानें बनाने का निर्णय लिया है ताकि व्यापारी और मजदूरों को रोजगार दिया जा सके। इसके साथ किसानों को उपज का सही दाम मिल सके। सभी प्रस्तावों पर शासन से स्वीकृति मोहर लगनी है। बताया जा रहा है कि उप्र के मंडी परिषद के डायरेक्टर की कुर्सी खाली पड़ी है। इसी माह डायरेक्टर की तैनाती हो जाएगी। जिसके बाद सभी प्रस्तावों को स्वीकृति मिलेगी।
नवीन सब्जी और फल मंडी में बनेंगी दुकानें:  मेरठ में दिल्ली रोड स्थित नवीन मंडी, हापुड़ रोड स्थित लोहियानगर मंडी, सरधना और मवाना में मंडी हैं। यहां नवीन गल्ला मंडी को छोड़कर बाकी सभी मंडियों में फल व सब्जियों का अधिक कारोबार होता है। मवाना में धान की खरीद भी होती है। मेरठ जनपद की सभी मंडियों में जगह खाली पड़ी है। नवीन सब्जी और फल मंडी में दुकानें बनाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके अलावा फल, सब्जी और गल्ला मंडी की दुकानों के जीर्णोद्धार का भी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
मेरठ मंडी समिति सचिव कुलदीप सैनी का कहना है कि सभी मंडी समिति सचिवों ने अपने अपने प्रस्ताव भेजे हैं। मेरठ से हमने भी किसान और व्यापारियों की मांग के अनुरूप प्रस्ताव तैयार किए हैं। शासन से स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू होंगे।
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