दीपावली के अवसर पर सूरजकुंड क्षेत्र के लोगों को प्रशासन ने राहत दी है। यहां वर्षों से चल रहे राजकीय संप्रेक्षण गृह को अब्दुल्लापुर शिफ्ट कर दिया गया है। इसका नाम किशोर सदन रखा गया है। किशोर उम्र के 92 बाल बंदियों को वहां से शिफ्ट कर दिया गया है।स्थानीय लोगों का कहना है कि एक दशक पूर्व राजकीय संप्रेक्षण गृह को सूरजकुंड स्थित समाज कल्याण विभाग के गल्र्स हॉस्टल में स्थानांतरित किया गया था। प्रारंभ में कुछ समय तक तो सब कुछ ठीक रहा। बाद में यहां बाल बंदी हंगामा करने लगे। इससे आसपास के लोगों का रहना मुश्किल हो गया। लंबे समय से सूरजकुंड स्थित राजकीय संप्रेक्षण गृह को स्थानीय लोग शिफ्ट करने की मांग कर रहे थे। दो साल पूर्व जब यहां बहुत हंगामा हुआ तो तत्कालीन शहर विधायक व भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डा. लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने इसे शहर की आबादी से बाहर करने की मांग की थी। तब से यह मांग शासन स्तर पर विचाराधीन थी। हाल में वाजपेयी ने इस मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण से मुलाकात कर मांग पर कार्रवाई की मांग की। शासन से राजकीय संप्रेक्षण गृह को गत दिनों शिफ्ट करने का आदेश हुआ। उसके बाद प्रशासन की ओर से एडीएम सिटी मुकेश चंद्र और जिला प्रोबेशन अधिकारी सुधाकर शरण पांडेय ने सूरजकुंड से राजकीय संप्रेक्षण गृह को अब्दुल्लापुर शिफ्ट कर दिया है। जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि किशोर उम्र के कुल 92 बाल बंदियों को शिफ्ट कर दिया गया है।
सूरजकुंड के लोगों को राहत, बच्चा जेल शिफ्ट
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