मेरठ 26 सितंबर (प्र)। कानूनी पेशे में नैतिक मानकों को कायम रखने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) ने आपराधिक पृष्ठभूमि जांच तंत्र लागू कर दिया है। इसमें विवि, कॉलेज या कानूनी शिक्षा केंद्रों पर प्रवेश लेने वाले सभी छात्रों को अपना आपराधिक ब्योरा देना अनिवार्य होगा। छात्रों को यह प्रक्रिया प्रवेश लेने और डिग्री पूरी करने से पहले देनी होगी। विवि, कॉलेज और केंद्र छात्रों के रिकॉर्ड बीसीआई को मुहैया कराएंगे। ऐसा नहीं करने पर छात्र पर कठोर कानूनी कार्रवाई होगी। इसमें मार्कशीट और डिग्री भी रोकना शामिल है। बीसीआई ने बुधवार को उक्त आदेश जारी कर दिए हैं।
यह बताना जरुरी होगा
अंतिम डिग्री से पहले छात्र अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर, आपराधिक मामला या दोषी साबित होने की समस्त सूचनाएं देंगे। कोई भी सूचना छुपाना छात्र पर कठोर कार्रवाई का आधार बनेगा। विवि, कॉलेज एवं केंद्र छात्रों को अंतिम मार्कशीट या डिग्री देने से पहले बीसीआई के निर्णय का इंतजार करेंगे। ऐसा नहीं करने पर संस्थान भी कार्रवाई के दायरे में होंगे। छात्रों के आपराधिक रिकॉर्ड की जांच की जिम्मेदारी संबंधित संस्थानों की भी होगी।
नौकरी, बिजनेस के साथ एलएलबी नहीं
छात्रों को एलएलबी करते वक्त कोई भी काम, नौकरी या व्यवसाय करने की अनुमति नहीं होगी लेकिन एनओसी की स्थिति में पढ़ाई की अनुमति होगी। संस्थानों को कक्षा सहित सभी महत्त्वपूर्ण स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और इसकी रिकॉर्डिंग एक साल तक सुरक्षित रखनी अनिवार्य होगी शिकायत पर छात्रों की उपस्थिति की जांच सीसीटीवी रिकॉर्डिंग से की जाएगी। छात्रों को बॉयोमेट्रिक हाजिरी भी देनी होगी। बीसीआई के अनुसार ऐसा नहीं करने पर संस्थानों की मान्यता खत्म कर दी जाएगी।
लॉ के साथ कोई दूसरी डिग्री मान्य नहीं
बीसीआई ने एलएलबी के साथ दूसरी रेगुलर डिग्री करने को भी प्रतिबंधित कर दिया है। छात्रों को इसका शपथ पत्र देना होगा कि वह एलएलबी के साथ कोई दूसरा रेगुलर प्रोग्राम नहीं कर रहे। हालांकि, दूरस्थ माध्यम से लघु अवधि या अंशकालिक प्रमाण पत्र कोर्स करने पर रोक नहीं होगी।
लॉ कॉलेजों में प्रवेश के लिए मारामारी
लॉ कॉलेजों में प्रवेश की मारामारी है। विवि के एडेड कॉलेजों में प्रवेश के लिए फर्जी मार्कशीट लगाने के मामले पकड़े जा चुके हैं। बीते पांच वर्षों में विवि में 30 से ज्यादा नए लॉ कॉलेज जमीन पर उतरे हैं। इनमें से कई लॉ कॉलेज ऐसे भी हैं जहां रोज आना जाना तक संभव नहीं।