मेरठ 16 जून। जरूरंत मंदों केा हर कीमत का स्टाम्प आसानी से उपलब्ध कराने के लिए प्रयासरत जिलाधिकारी श्री अनिल ढ़िगरा के प्रयासों के बावजूद छोटी कम कीमत के स्टाॅप तो आसानी से उपलब्ध है ही नही अब कचहरी में 10 रूपये से लेकर एक बार फिर सौ रुपये तक का स्टांप गायब हो गया है। अब विक्रेता मुरादाबाद और बुलंदशहर से स्टांप यहां लाकर बिक्री कर रहे हैं। स्टांप की कमी होने से कालाबाजारी भी शुरू हो गई है। सौ रुपये का स्टांप की कीमत 130 से 150 तक वसूल की जा रही है।10 का स्टाॅप 12 रूपये तक में बिक रहा है इस बार सौ रुपये का स्टांप गायब हुआ है। जबकि इससे पूर्व भी सौ, पचास और दस रुपये का स्टांप भी इसी प्रकार गायब हो गया था और बाद में स्टांप की बढ़ी कीमत वसूली गई थी। कुछ माह पहले स्टांप और अन्य कानूनी प्रक्रिया में काम आने वाले टिकट भी गायब हो चुके हैं। कचहरी परिसर में गिनती के स्टांप विक्रेताओं के पास ही सौ रुपये का स्टांप मौजूद है। विक्रेताओं ने बाहर से स्टांप मंगाने की बात कहते हुए इनकी कीमत भी बढ़ाकर मनमर्जी से वसूल की। गत शुक्रवार को भी सौ रुपये का स्टांप कचहरी में नहीं मिल सका। उधर, स्टांप की कमी दिखाकर हो रही कालाबाजारी के संबंध में एडीएम वित्त आनंद कुमार शुक्ला का कहना है कि उन्हें स्टांप की कमी होने होने की जानकारी नहीं है। इसकी जांच कराकर ऐसा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। दूसरी तरफ कितने ही जरूरंत मंदों कचहरी में कहते सुने जाते है की टेªजरी अधिकारी दफ्तर में मिलते नही, एडीएम वित के दफ्तर के कार्यालय की चटकनी बंद रहती है बाहर सिपाही खड़ा रहता है आखिर शिकायत किससे करे।
10 से 100 रूपये तक के स्टाम्प की कालाबाजारी है जारो पर
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