मेरठ 11 अक्टूबर (प्र)। फिजिकल साइंस, लाइफ साइंस और इन्फार्मेशन टेक्नोलाजी से संबंधित बेहद बारीक और आधुनिक शोध सुविधाओं के लिए अब आइआइटी रुड़की, दिल्ली विश्वविद्यालय या कानपुर का रुख नहीं करना पड़ेगा। चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में करीब 30 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक लैब यानी प्रयोगशाला बनाई जा रही है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र भी शोध कर सकेंगे। विश्वविद्यालय को प्रधानमंत्री उच्च शिक्षा अभियान यानी पीएम उषा के तहत मिली सौ करोड़ रुपये की धनराशि में से विश्वविद्यालय परिसर में सीआइएफ यानी सेंट्रल इंस्ट्रूमेंटेशन फेसिलिटी यानी केंद्रीय इंस्ट्रूमेंटेशन सुविधा तैयार होगी।
सीआइएफ एक ऐसा अनुसंधान और विकास केंद्र है, जहां अति आधुनिक वैज्ञानिक उपकरणों और सुविधाओं को एक स्थान पर उपलब्ध कराया जाता है। सीसीएसयू की इस सीआइएफ लैब में एक्सरे, फील्ड एमिशन माइक्रोस्कोप, नमन स्पेक्ट्रोस्कोपी, नैनो पार्टिकल साइज एनलाइजर आदि उपकरणों के साथ ही साफ्टवेयर लैब और ओडीए यानी ओपन एंड डिस्टेंस लर्निंग यानी दूरस्थ शिक्षा की भी तकनीक उपलब्ध होगी। फिजिकल साइंस इंस्ट्रूमेंट्स के कन्वेनर प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा के अनुसार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इस तरह की पहला लैब बनने से सीसीएसयू सहित पूरे पश्चिमी क्षेत्र को इसका लाभ मिलेगा।
लैब के लिए हटेगी कैंटीन और छात्रसंघ कार्यालय
सीआइएफ लैब स्थापित करने के लिए परिसर में कैलाश प्रकाश छात्रावास के पास स्थान तय किया गया है। यहां वर्तमान में बास्केटबाल कोर्ट, वालीबाल कोर्ट के साथ ही विद्यार्थियों के लिए कैंटीन और छात्रसंघ कार्यालय भी हैं। यह सभी यहां से अन्यत्र ले जाकर इस पूरे स्थान पर सीआइएफ लैब बनाई जाएगी। इस लैब के तीन तरफ केंद्रीय पुस्तकालय ओल्ड हास्टल यानी कैलाश प्रकाश छात्रावास और साहित्य कुटीर होगा। इसके सामने कुलपति सचिवालय से सर छोटूराम इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी इंस्टीट्यूट को जोड़ने वाला मार्ग रहेगा।