दैनिक केसर खुशबू टाइम्स
मेरठ, 18 मई (विशेष संवाददाता) कैंट बोर्ड के आठ वार्डों का कुछ हिस्सा नगर निगम में हस्तांतरित करने हेतु छावनी परिषद के अधिकारियों द्वारा बनाई गई योजना पर कैंट विधायक अमित अग्रवाल द्वारा विरोध दर्ज कराया गया है। जिसके उपरांत जिलाधिकारी दीपक मीणा द्वारा नगरायुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा व छावनी परिषद के अधिशासी अधिकारी ज्योति कुमार आदि सहित कैंट विधायक अमित अग्रवाल की उपस्थिति में एक बैठक गत दिवस बुलाई और विस्तार से हस्तातंरित होने वाले क्षेत्रों के बारे में समझते हुए विधायक द्वारा दी गई आपत्ति और क्षेत्रों का अवलोकन किया गया। कैंट विधायक के प्रस्तावों पर छावनी परिषद के मनोनीत पार्षद डॉ. सतीश शर्मा ने भी अपनी सहमति जताई है। बताते हैं कि बैठक के बाद जिलाधिकारी दीपक मीणा ने एक माह में इस बारे में रिपोर्ट देने की बात कही। क्या होगा क्या नहीं लेकिन विधायक के प्रयासों की कैंट के आठों वार्डो के नागरिक मुक्त कंठ से प्रशंसा कर रहे है। इनका कहना है कि वह पूरी तौर पर विधायक के साथ हैं और उनके हर प्रस्ताव का समर्थन करते हैं। इनका मानना है कि कैंट विधायक के प्रस्ताव कि 80 प्रतिशत बंगलों में 100 सालों से सिविलियन रह रहे हैं उनहें भी हस्तारंण की प्रक्रिया में शामिल किया जाए बिल्कुल सही है। कौमी एकता संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप गुप्ता ऐल्फा, अन्नपूर्णा ट्रस्ट के संस्थापक महामंत्री श्री ब्रजभूषण गुप्ता , व्यापारी नेता सुधीर रस्तौगी, पूर्व पार्षद जगमोहन शाकाल का भी बताते हैं कि विधायक के इस प्रस्ताव को भरपूर समर्थन दिया गया है। छावनी के नागरिकों का कहना है कि दिए गए प्रस्तावों को लागू कराने के लिए जब भी विधायक अमित अग्रवाल जो काम बताएंगे उसे पूरा करने के लिए सब तैयार है। कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जल्दी ही इस जनहित की मांग के लिए अमित अग्रवाल का नागरिक अभिनंदन भी छावनी के निवासियों द्वारा किया जाए। अगर उनके प्रस्ताव मान लिए गए तो एक बड़ी तादात में नागरिकों को अपने हिसाब से रहने का अवसर नगर निगम में जाने से उपलब्ध होगा।
खबर के अनुसार कैंट के सिविल एरिया को नगर निगम में शामिल करने के लिए कैंट बोर्ड ने हस्तांतरण प्लान तैयार किया है। जिसमें 436.20 एकड़ भूमि नगर निगम को हस्तांतरित की जानी है। इस पर बसने वाली करीब 41078 आबादी नगर निगम में शामिल होगी। 1200 संपत्तियां नगर निगम में जाएगी। कैंट बोर्ड के अधिकारियों ने डीएम को चिन्हित सिविल क्षेत्र का नक्शा दिखाते हुए हस्तांतरण प्रस्ताव के बारे में समझाया। दिल्ली रोड मेहताब सिनेमा से फैज आम इंटर कॉलेज तहसील, भैंसाली रोडवेज के पीछे होते हुए बेगमपुल तक, फिर बेगमपुल से होते हुए आबूनाला होते हुए मिस्टर टॉक की दुकान, कैंट बोर्ड रास्ते से पेट्रोल पंप होते हुए सेंट मेरीज एकेडमी के पीछे से राजबन फुटबॉल मैदान व काली माता मंदिर से रेस रोड तक पुलिस स्ट्रीट से होते हुए मेहताब सिनेमा तक इस बीच का समग्र सदर, राजबन, आबूलेन, बॉम्बे बाजार का आवासीय क्षेत्र नगर निगम में शामिल किया जाएगा। जबकि वेस्ट एंड रोड व माल रोड से जुड़े बंगले कैंट क्षेत्र मे रहेंगे।
कैंट विधायक अमित अग्रवाल ने यह दिए सुझाव
सदर, रजबन, लालकुर्ती, तोपखाना वाला क्षेत्रफल तीन या चार पॉकिट के रूप में नगर निगम को दिया जाना प्रस्तावित हैं। जो गलत है, तोपखाना-आरए बाजार किसी भी दशा में नगर निगम की सीमा से जब तक नहीं आएगा, जब तक बंगला एरिया को प्रस्ताव में शामिल नहीं किया जाए। माल रोड को भी प्लान मे शामिल नहीं किया, जबकि कुछ बंगलों को छोड़कर सभी बंगलों में सिविलियन रहते हैं। यह मार्ग शहर से महानगर के उपनगर को जोड़ता है। छावनी क्षेत्र के वे बंगले जिसमें सिविलियंस 100 वर्षों से भी अधिक समय से रहते आ रहे हैं। वे सेना के प्रयोग में न आकर सिविल प्रयोग में आते हैं।