भूमािफयाओं को करें एन्टी भूमािफया में निरुद्ध व दर्ज करें प्राथमिकी- डा0 प्रभात ,ग्राम समाज व सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को भेजें जेल- मण्डलायुक्त
मेरठ 16 मार्च । आयुक्त मित्र दिवस में आयुक्त डा0 प्रभात कुमार ने विभिन्न प्रकरणों का निस्तारण किया। उन्होंने मुरसलीन निवासी कंकरखेड़ा मेरठ के प्रकरण में राज्य सरकार एवं सेन्ट्रल डिस्टलरी की भूमि को अनाधिकृत रूप से विक्रय करने वालों के विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज कराने व एन्टी भू-माफिया के अन्तर्गत कार्यवाही करने के लिये निर्देशित किया। वहीं पूनम अग्रवाल, निवासी गाजियाबाद का वाद उपभोक्ता फोरम में विचाराधीन होने के कारण उनके प्रकरण में कार्यवाही नहीं की गयी तथा उमेश कुमार निवासी परतापुर मेरठ के प्रकरण में शिकायतकर्ता पर्याप्त सूचना के उपरान्त भी अनुपस्थित रहा। आयुक्त ने उमेश कुमार के प्रकरण में उपजिलाधिकारी मेरठ को निर्देशित किया कि प्रकरण में प्रारम्भ से अब तक समस्त न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों की प्रतियां सहित पूरे प्रकरण का क्रमवार विवरण उपलब्ध करायें।
आयुक्त की पहल पर जनससमयाओं के त्वरित व गुणवत्तापरक निस्तारण के लिये प्रारम्भ किये गये आयुक्त मित्र दिवस की अध्यक्षता करते हुए आयुक्त डा0 प्रभात कुमार ने कहा कि ग्राम समाज व सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जा करने वालों को जेल भेजें। उन्होंने कहा कि भूमाफियाओं पर प्राथमिकी दर्ज कर उनको एन्टी भूमाफिया में निरुद्ध करें। उन्होंने पूनम अग्रवाल पुत्री स्व0 श्री देवकीनन्दन अग्रवाल, निवासी 213, न्यू गांधीनगर, गाजियाबाद के प्रकरण के निस्तारण हेतु कार्यवाही की गयी। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायती पत्र में मुख्य रूप से उल्लिखित किया गया कि भू-खण्ड़ सं0-सी-16, कोशाम्भी गाजियाबाद को गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा अवैध रूप से किसी अन्य व्यक्ति को दे दिया गया, जबकि उक्त प्लाट प्रार्थिनी के पिता के नाम पर आवंटित किया गया था, उनके द्वारा उक्त प्लाट दिलाये जाने का अनुरोध किया गया।
सचिव, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अवगत कराया गया कि प्रश्नगत प्रकरण के सम्बन्ध में जिला उपभोक्ता फोरम में वादिनी की ओर से प्रस्तुत वाद विचाराधीन है, जिसमें दिनांक 04-05-2018 नियत है, जिसके विचाराधीन रहते प्राधिकरण स्तर से कोई कार्यवाही किया जाना सम्भव नहीं है। प्रार्थिनी द्वारा कहा गया कि वह उपभोक्ता फोरम से अपना वाद वापस लेने हेतु तैयार है।
आयुक्त ने कहा कि उपभोक्ता फोरम में वाद के विचाराधीन रहते किसी प्रकार की कार्यवाही किया जाना समीचीन नहीं है। अतः उपभोक्ता फोरम से वादिनी द्वारा वाद वापस लेने अथवा उक्त वाद का निस्तारण होने के उपरान्त प्रकरण में कार्यवाही किया जाना उपयुक्त होगा।
वहीं एक दूसरे प्रकरण में मुरसलीन पुत्र श्री हनीफ निवासी नई गोविन्दपुरी, निकट कब्रिस्तान, कंकरखेड़ा मेरठ के प्रकरण में निस्तारण की कार्यवाही की गयी। शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायती पत्र में मुख्य रूप से उल्लिखित किया गया कि ग्राम नंगलाताशी कासमपुर में सरकारी भूमि खसरा सं0-947 व 1032, 1285, 1347, 1348, 1349, 1258, 1264, 1269 पर भू-माफिया रहीमुद््दीन व उसके गैंग द्वारा कब्जा कर बेचा गया है। मित्र दिवस में उपस्थित उपजिलाधिकारी सदर व तहसीलदार सदर द्वारा अवगत कराया गया कि प्रश्नगत प्रकरण कंकरखेड़ा स्थित मार्शल पिच से सम्बन्धित है, जिस पर भू-माफिया रहीमुद््दीन द्वारा अपनी भूमि के सापेक्ष बैनामे कर सरकारी भूमि पर कब्जा करा दिया गया है, जिसमें सेन्ट्रल डिस्टलरी की भूमि भी सम्मिलित है, जिसके सम्बन्ध में बैनामो का विवरण प्राप्त करने के उपरान्त अन्य भू-माफियाओं को चिन्हित करने की कार्यवाही की जा रही है।
आयुक्त डा0 प्रभात कुमार ने उपजिलाधिकारी सदर को निर्देशित किया कि जांच करें कि सेन्ट्रल डिस्टलरी को जिस कार्य के लिये प्रश्नगत भूमि दी गयी है, यदि अनुबन्धित की शर्तों के अनुसार उक्त भूमि का प्रयोग अन्य कार्यों हेतु किया जा रहा है तो उक्त भूमि को राज्य सरकार में निहित करने की कार्यवाही कराया जाये। उन्होंने निर्देशित किया कि राज्य सरकार एवं सेन्ट्रल डिस्टलरी की भूमि को जिन अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा बैनामे के माध्यम से विक्रय किया गया है, उनकी सूची बनाकर उनके विरूद्ध एफ0आई0आर0 दर्ज करायी जाये तथा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के स्तर से उक्त व्यक्तियों के विरूद्ध एन्टी भू-माफिया के अन्तर्गत कार्यवाही की जाये।
आयुक्त ने कहा कि ऐेसे व्यक्ति जो कि भूमि के मालिक नहीं है, उनके द्वारा अनाधिकृत रूप से किये गये बैनामे स्वतः शून्य है, उनका कोई कानूनी अस्तित्व नहीं है। अतः उपजिलाधिकारी सदर, मेरठ अनाधिकृत/शून्य बैनामो में निहित सम्पत्ति पर कब्जा प्राप्त करने की कार्यवाही करें। उन्होंने उपाध्यक्ष, मेरठ विकास प्राधिकरण को निर्देशित किया कि स्थलीय निरीक्षण कराकर जांच करायें कि उक्त भूमि पर बनाये गये भवनों के मानचित्र स्वीकृत हैं, अथवा नहीं। यदि नहीं तो प्राधिकरण स्तर से प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। उन्होंने उपजिलाधिकारी सदर एवं उपाध्यक्ष, मेंरठ विकास प्राधिकरण, मेरठ उपरोक्तानुसार कार्यवाही कर विस्तृत आख्या अवैध कब्जेदारों/भू-माफियाओं के नामो का उल्लेख करते हुये एक माह में प्रस्तुत करें।
वहीं एक अन्य प्रकरण में उमेश कुमार पुत्र स्व0 श्री ओमप्रकाश, निवासी-ग्राम इटायरा, मंगी कालोनी, थाना परतापुर मेरठ के प्रकरण के निस्तारण हेतु कार्यवाही की गयी। प्रकरण में उपजिलाधिकारी मेरठ से प्राप्त आख्या का अवलोकन किया गया तथा शिकायतकर्ता पर्याप्त सूचना के उपरान्त भी अनुपस्थित रहे।
शिकायतकर्ता द्वारा प्रस्तुत शिकायती पत्र में मुख्य रूप से उल्लिखित किया गया कि भू-माफिया मंगीलाल पुत्र खचेडू, मुनेशपाल पुत्र हीरा सिंह, सोनवीर पुत्र सूरजमल, श्रीमती प्रेम पत्नी रोहताश, अमित व सुमित पुत्रगण रोहताश, लायक अली पुत्र अहमद अली तथा श्रीमती सुरेश देवी पत्नी तिलकराम निवासीगण इटायरा द्वारा ग्राम समाज एवं एल0एम0सी0 तथा गौ चारागाह की 294 बीघा भूमि पर कब्जा करके प्लाट काटकर बेच दिये गये।
आयुक्त ने उपजिलाधिकारी एवं तहसीलदार (सदर) मेरठ को निर्देशित किया गया कि प्रकरण में प्रारम्भ से अब तक समस्त न्यायालयों द्वारा पारित आदेशों की प्रतियां सहित पूरे प्रकरण का क्रमवार विवरण उपलब्ध करायें। उन्होंने पाया कि प्रकरण में योजित रिट याचिका सं0-40055/2017 में मा0 उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश दिनांक 01-02-2017 में अपर नगर मजिस्ट्रेट को अमल दरामद किये जाने के निर्देश दिये गये, जिसके विरूद्ध राज्य सरकार की ओर से मा0 उच्च न्यायालय इलाहाबाद में रिकाल प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया है, जो कि अभी विचाराधीन है।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष एमडीए साहब सिंह सैनी, सचिव, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण मनमोहन शर्मा, उपजिलाधिकारी सदर, मेरठ निशा अनन्त, तहसीलदार सदर मेरठ संतोष कुमार, राजस्व निरीक्षक रनविजय सिंह, कृष्णपाल, लेखपाल अनिल कुमार, राकेश गौड, शिकायतकर्ता पूनम अग्रवाल, मुरसलीन, पेशकार शरद गुप्ता आदि उपस्थित रहे।