हापुड़ 21 जनवरी। 22 घंटे डिजिटल अरेस्ट रहने के बावजूद सजगता के चलते गुरुकुल के 45 वर्षीय संस्थापक साइबर ठगों के चंगुल से बच निकले। ठगों ने महिलाओं को अश्लील मैसेज भेजने और काले धन के 20 लाख रुपये उनके खाते में आने की बात कहते हुए करीब 22 घंटे तक उनको डिजिटल अरेस्ट रखा। इस दौरान उन्होंने सोमवार को शौचालय जाने की बात कहकर अपने परिचित को दूसरे फोन से काल किया। तब वह साइबर ठगों से बच सके। पीड़ित गुरुकुल संस्थापक को 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व तत्कालीन राज्यपाल राम नाइक ने वेद पंडित पुरस्कार से सम्मानित किया था। रविवार सुबह आठ बजे ब्रजघाट के भागीरथी विद्यापीठ गुरुकुल के संस्थापक धर्मेंद्र शर्मा के फोन पर वीडियो काल आई। फोन करने वाले ने कहा कि मैं टेलीकाम कंपनी से विनोद कुमार बोल रहा हूं’ आपके नाम पर मुंबई में एक सिम रजिस्टर्ड है। उस नंबर से करीब 247 महिलाओं को अश्लील मैसेज भेजे गए हैं। आपके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। शर्मा कुछ कह पाते उससे पहले तथाकथित मुंबई पुलिस के अधिकारी के पास काल फारवर्ड कर दिया गया।
दूसरी तरफ अपने को पुलिसकर्मी बताते हुए काल करने वाले ने अपना नाम सुनील मिश्रा बताया तथा पीड़ित के नाम पर कई बैंक अकाउंट, काला धन के माध्यम से 20 लाख रुपये उनके खाते में आने की बात कही। साइबर ठग ने कहा कि अब सीबीआइ भी जुड़ गई है तथा उच्च अधिकारी आपसे वार्ता करना चाहते हैं। इस बीच सीबीआइ का अधिकारी बने ठग सुबोध जायसवाल ने वहां रखे मोबाइल फोन, सिम कार्ड, एटीएम कार्ड आदि का फोटो भेजते हुए उनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट होने की बात कही। गिरफ्तारी संबंधी एक पत्र उनके वाट्सएप पर भेजा। सोमवार सुबह शौचालय जाने की बात कहते हुए वह अपनी जगह से उठ गए। इसी बीच जेब में रखे दूसरे फोन से उन्होंने परिचित बलजीत को फोन मिलाया । बलजीत ने उन्हें हौसला दिया और किसी बहाने से बच्चों के बीच पहुंचने के लिए कहा। काफी मिन्नत के बाद उनको साइबर ठगों ने अनुमति दी । इस बीच बलजीत भी वहां पहुंचे और उनका वीडियो काल काटा।