मेरठ, 24 जनवरी (प्र)। बागपत के जिलाधिकारी राजकमल यादव के प्रधान लिपिक श्रीनिवास निवासी प्रभातनगर सिविल लाइन मेरठ की अपहरण के बाद हत्या कर दी गई। उनका शव मथुरा में नहर में मिला। उनके पुत्र ने पहचान भी कर ली। श्रीनिवास के साथ उनकी पत्नी रजनी भी लापता हुई थी, वह चार दिन बाद लौट आईं, लेकिन बदमाश कौन हैं और हत्या क्यों की गई। इसका जवाब अभी पुलिस के पास भी नहीं है। क्राइम ब्रांच ऑफिस में करीब तीन घंटे तक रजनी से पूछताछ की गई।
सिविल लाइन थानाक्षेत्र के प्रभातनगर- 330 निवासी श्रीनिवास पाल (50) पुत्र भगवत पाल जिलाधिकारी बागपत के ऑफिस में प्रधान लिपिक के पद पर तैनात थे। 30 दिसंबर 2022 को श्रीनिवास और उनकी पत्नी रजनी संदिग्ध परिस्थिति में लापता हो गए थे। उनके पुत्र ईशांक ने सिविल लाइन थाने में दंपती की गुमशुदगी दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों को काफी ढूंढा, लेकिन सुराग नहीं लगा। तीन जनवरी को रजनी खुद ही अपने घर प्रभात नगर लौट आई। दोनों बेटों ने मां से पिता के बारे में पूछा। रजनी ने बेटों से कहा कि वह बदमाशों के चंगुल से छूटकर आई हैं अभी तबियत ठीक नहीं है।
वहीं, 21 जनवरी 2023 को मथुरा के राया थानाक्षेत्र के कटेरिया गांव स्थित नहर में एक व्यक्ति का शव मिला, लेकिन पहचान नहीं हो सकी। उनकी पहचान के लिए मथुरा पुलिस ने शव का हुलिया और फोटो पुलिस वेबसाइट और सोशल मीडिया पर अपलोड कराया। इसकी जानकारी लगने पर ईशांक मथुरा गए और वहां अपने पिता के रूप में शव की पहचान की। रविवार को पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मथुरा पुलिस के मुताबिक पोस्टमार्टम में श्रीनिवास की गला दबाकर हत्या होने की पुष्टि हुई है।
रजनी और श्रीनिवास एक साथ लापता हुए थे। चार दिन बाद रजनी खुद ही घर लौट आई। इसकी जानकारी लगने पर सिविल लाइन पुलिस उनके घर पर नहीं गई और न ही रजनी से पूछताछ की। अब श्रीनिवास का शव मिलने पर सिविल लाइन पुलिस ने रजनी से पूछताछ की, इसके बावजूद हत्या का राज नहीं खुला। बदमाशों के चंगुल से रजनी कैसे छूटकर घर आई थी, इस बारे में पुलिस ने कई सवाल रजनी से पूछे, लेकिन उन्होंने कुछ भी स्पष्ट नहीं किया। वह अब भी खुद की तबियत खराब होना बता रही हैं। करीब तीन घंटे पूछताछ के बाद रजनी को फिलहाल उनके घर पर भेज दिया है।
डाक से पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के इंतजार में पुलिस श्रीनिवास की हत्या की पुष्टि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हो गई है। इसके बावजूद सिविल लाइन पुलिस ने हत्या की धारा में मुकदमा तरमीम नहीं किया है। विवेचक सोम सेंगर का कहना कि मथुरा से पोस्टमार्टम रिपोर्ट नहीं आई है। डाक के माध्यम से रिपोर्ट आएगी, तब जाकर हत्या की धारा मुकदमे में दर्ज होगी।
श्रीनिवास डीएम बागपत कार्यालय में प्रधान लिपिक हैं। इसकी जानकारी मेरठ और बागपत पुलिस को भी है। दोनों जनपद की पुलिस की लापरवाही के चलते श्रीनिवास की हत्या का राज नहीं खुल पा रहा है। मेरठ में एडीजी, कमिश्नर और आईजी भी बैठते हैं। इसके बावजूद सरकारी कर्मचारी की अपहरण के बाद हत्या होने पर पुलिस गंभीर नहीं है। श्रीनिवास की हत्या कैसे और किसने की, इसका बड़ा खुलासा हो सकता है। रजनी से पूछताछ और मोबाइल की सीडीआर से पुलिस को काफी जानकारी मिल सकती है।