मेरठ 12 सितंबर (प्र)। शहर को ई-रिक्शा के मकड़जाल से मुक्ति दिलाने के प्रयास को शिद्दत से अमलीजामा पहनाने का प्रयास चल रहा है। लोगों को जाम से राहत दिलाने की जो कार्ययोजना बनाई गई है.इससे ई-रिक्शाओं के भार से न सिर्फ मुक्ति मिली, बल्कि जाम से भी राहत मिली। यातायात पुलिस ने जो योजना तैयार की है, उसमें शहर को चार जोन में बांटने पर तो सहमति बन गई है। अब विचार किया जा रहा है कि जोन में संचालित ई-रिक्शा पर कलरयुक्त स्टीकर लगाया जाए या पूरी रिक्शा को उस कलर से युक्त किया जाए। चारों जोन में यातायात पुलिस ने अलग-अलग कलर निर्धारित किए हैं। अधिकारियों का मानना है कि ई-रिक्शा का जोन के लिहाज से कलर ज्यादा मुफीद है। इससे दूर से ही उसकी पहचान हो जाएगी।
हजारों वैध-अवैध ई-रिक्शाओं से शहर की यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। पूरे दिन शहर में जाम के हालात बने रहते हैं। ई-रिक्शा चालकों की मनमानी से शहर के लोग कराह उठे हैं। इन हालातों से निपटने को मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने डीएम दीपक मीणा व एसएसपी को इसका हल निकालने को कहा था। इसके बाद यातायात पुलिस ने शहर में ई-रिक्शा संचालन की कार्ययोजना तैयार की है। शहर को चार जोन रूट में बांटा गया है। रूट न. एक के लिए लाल रंग, रूट न. दो के लिए नीला, रूट न. तीन के लिए पीला व रूट न. चार के लिए हरा रंग निर्धारित किया गया है। हर ई-रिक्शा पर जोन रूट का एक स्टीकर व नंबर भी चस्पा करने की योजना है। इसका डिजाइन तैयार कर लिया गया है। कार्ययोजना का प्रस्ताव स्वीकृति के लिए डीएम-एसएसपी को भेजा गया है। इस पर विचार मंथन चल रहा है। कोशिश है, जिन जोन में ई-रिक्शा का संचालन हो वह उसी कलर की हो और उस पर पंजीकरण स्टीकर लगा हो। यातायात पुलिस ने उम्मीद जताई कि योजना को अंतिम रूप एक-दो दिन में दे दिया जाएगा।