लखनऊ 22 जनवरी। प्रदेश में घरेलु उपभोक्ताओं पर भी टाइम ऑफ डे (टीओडी) टैरिफ लागू करने की तैयारी है। ऐसे में घरेलु उपभोक्ताओं का बिजली खर्च करीब 10 से 20 फीसदी तक बढ़ सकता है। मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे में इस व्यवस्था को लागू करने का प्रस्ताव है। अभी यह व्यवस्था सिर्फ भारी एवं लघु उद्योगों श्रेणी के उपभोक्ताओं पर लागू है।
इसकी जद में अकेले यूपी से करीब 3.30 करोड़ उपभोक्ता आएंगे। यूपी के 15 लाख किसान उपभोक्ता इन महंगी दरों से अछूते रहेंगे। इस संबंध में अंतिम फैसला राज्यों के नियामक आयोग द्वारा बिजली की दरें तय करने की सुनवाई के बाद होगा। फिलहाल, इसकी जोरशोर से तैयारी चल रही है।
टीओडी की व्यवस्था को वर्ष 2023 में भी लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उपभोक्ता परिषद ने याचिका लगा दी थी। पूरे मामले में कोर्ट जाने की धमकी दी थी। ऐसे में प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया था। मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन 2025 के मसौदे के जरिए इसे लागू करने की तैयारी है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि इस व्यवस्था को किसी भी कीमत पर लागू नहीं होने दिया जाएगा। इसके लिए कानूनी लड़ाई लड़ी जाएगी।
क्या होगा नुकसान
आमतौर पर घरेलु उपभोक्ता रात में ज्यादा बिजली खर्च करते हैं। क्योंकि दिन में वे कार्यालय अथवा अन्य स्थानों पर रहते हैं। रात में पूरा परिवार घर में होता है। ऐसे में लाइट, पंखे, कूलर, एसी सहित अन्य भौतिक संसाधनों का प्रयोग होता है। यही वजह है कि बिजली का पीक ऑवर (सर्वाधिक खर्च ) हमेशा रात 10 से 11.30 बजे के बीच होता है। रात में ज्यादा मूल्य वसूले जाने पर घरेलु उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार पड़ेगा।
स्लाट के हिसाब से छूट और जुर्माने का प्रस्ताव
भारत सरकार द्वारा 14 जून 2023 में जारी गजट में एक अप्रैल 2025 से ‘टाइम आफ द डे टैरिफ’ लागू करने की बात लिखी गई है। ‘टाइम आफ द डे टैरिफ’ स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं पर लागू होगा। जैसे-जैसे मीटर लगते जाएंगे, उपभोक्ता जद में आ जाएगा। इस आधार पर दरें तय करने को यूपी विद्युत नियामक आयोग के मसौदे में भी प्रावधान कर दिया गया है। लिखा है कि विद्युत वितरण लाइसेंसी केंद्र के विद्युत (उपभोक्ता अधिकार) संशोधित अधिनियम-2023 के तहत ‘टाइम आफ द डे टैरिफ’ प्रस्ताव दे सकते हैं।
क्या है टीओडी टैरिफ
दिन और रात के समय बिजली की दर अलग-अलग रखे जाने को टाइम ऑफ़ डे (टीओडी) टैरिफ़ कहते हैं। इस टैरिफ़ के तहत, दिन के समय बिजली की दर कम और रात के समय बिजली की दर ज़्यादा होती है। उपभोक्ता दिन के अलग-अलग समय के हिसाब से अलग-अलग बिजली बिल चुकाएंगे।