Friday, January 31

महाकुंभ में गीता प्रेस के कॉटेजों में लगी आग, सबको श्रद्धालुओं का हौंसला और पीड़ितों की मदद ?

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धार्मिक आस्था सनातनी एकता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे महाकुंभ की चर्चा देश दुनिया के मीडिया में खूब हो रहा है। प्रतिदिन समाचार पत्रों सोशल मीडिया पर इसकी खबरें पढ़कर पता चल रहा है कि मेला निर्विघ्न रूप से बिना किसी रूकावट के निरंतर चल रहा है। और यूपी सरकार ने भी केंद्र के सहयोग से इसे भव्यता और एकता का प्रतीक बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रखी है। लेकिन इससे संबंध उत्साह बढ़ाने वाली खबरों के बीच गत सांय को कुंभ मेले के सेक्टर 19 में लगे गीता प्रेस के कैंप में गैस सिलेंडर फट जाने से लगी आग की खबरों ने विचलित किया। इस अग्निकांड में जलकर खाक हुए टेंटरूपी कॉटेज और सिलेंडरों के बारे में खबरें अलग अलग पढ़ने सुनने को मिल रही है। कहीं छपा कि 180 टेंट जले तो किसी ने लिखा 280 कॉटेज जल गए। इसी प्रकार से सिलेंडरों में लगी आग को लेकर भी समाचारों में विरोधाभास की बातें पढ़ने को मिली। गीता प्रेस के ट्रस्ट कृष्ण कुमार खेमका का कहना है कि हमारा सबकुछ खत्म हो गया। घटना की खबर मिलते ही पीएम मोदी ने यूपी के सीएम योगी से बात की। सीएम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए मौके का निरीक्षण किया। बताते हैं कि 15-16 गाड़ियां फायर बिग्रेड की लगाकर आग पर काबू पा लिया गया। इस बारे में मुख्य अग्निशमन अधिकारी कुंभ प्रमोद शर्मा का कहना है कि करीब साढ़े चार बजे आग लगने की सूचना मिली। तुरंत दमकल की गाड़ियां घटनास्थल पर भेजी गई। फायरकर्मियों ने आग पर काबू पाया।
भगवान की कृपा रही कि इतनी बड़ी आग की घटना में जानमाल की किसी प्रकार की हानि नहीं हुई। कुछ लोगों के घायल होने की खबरें जरूर पढ़ने को मिल रही है। आग पर समय से काबू पा लिया गया। लेकिन अब जो इसे लेकर बयानबाजी हो रही है मुझे लगता है कि वो सही नहीं है। इस धार्मिक कुंभ में जो हुआ उसे आकस्मिक घटना के रूप में देखा जाना चाहिए। जहां तक नुकसान की बात है तो गीता प्रेस आर्थिक रूप से संपन्न संस्था है। और इससे जुड़े लोग भी इस मामले में मजबूत है। इसलिए इस नुकसान की भरपाई तो वो अपने आप भी कर सकते हैं और केंद्र व प्रदेश सरकार भी मदद कर सकती है। ऐसा ना भी हो तो गीता प्रेस के प्रशंसकों की देश विदेश में कोई कमी नहीं है। वो आगे पढ़कर पूरी मदद कर सकते हैं। मेरा मानना है कि इस समय कांग्रेस और सपा, बसपा आप सहित सभी दलों के नेताओं को एकजुट होकर गीता प्रेस के संचालकों को सांत्वना देने के साथ ही ऐसी घटनाएं ना हो पाएं इसके लिए अपना सहयोग और श्रद्धालुओं की आस्था में कमी ना आए इसका प्रयास करना वक्त की मांग कही जा सकती है। इसलिए इस बिंदु को राजनीतिक रूप देकर विवादित ना बनाया जाए तो ज्यादा अच्छा है।
(प्रस्तुतिः रवि कुमार बिश्नोई संपादक दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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