मेरठ 27 मई (प्र)। देश के 21 शहरों में 10 करोड़ से अधिक लोग भीषण जल संकट से जूझ रहे हैं। मेरठ जिले के 12 में से चार ब्लॉक डार्क जोन में हैं। अगर नहीं चेते तो आने वाले समय में यह संकट बड़ा हो सकता है यह जानकारी रविवार को चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में समाज विकास संस्थान की ओर से आयोजित जल संकट चुनीतियाँ और समाधान विषय पर हो रही चर्चा में सामने आई।
मुख्य अतिथि भारतीय गोवंश विकास परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मसिंह ने कहा कि ग्लोबल वार्मिंग से वर्षा पैटर्न में परिवर्तन हो रहा है। पानी की कमी सतत विकास में बड़ी बाधा है। इसी रफ्तार से भूजल गिरता रहा तो लातूर जैसे हालात हो जाएंगे। इससे बचने के लिए खेती में पानी की खपत को कम करना होगा। पानी बचाने के लिए सघन अभियान चलाना होगा। जल खोतों पर दबाव बढ़ रहा है।
शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. विनोद त्यागी ने कहा कि दुनिया के जिन देशों में प्रचुर मात्रा में जल है, वहां सर्वागीण विकास का पैमाना अलग है। जल संरक्षण के लिए सरकारें कार्यक्रम संचालित कर रही हैं, लेकिन जब तक जनता की सहभागिता नहीं होगी, कामयाबी नहीं मिलेगी। उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देकर कहा कि दिल्ली, बंगाल, चेन्नई, हैदराबाद सहित अन्य शहर भीषण जल संकट से जूझ रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के वकील सुशील कुमार शर्मा ने कहा कि जल दोहन की यही स्थिति रही तो देश के अधिकांश हिस्सों में जल की भारी किल्लत पैदा होने वाली है। हमारे देश में भूजल रिचार्ज की दर बेहद कम है। इसे बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि मेरठ जिले में 12 में से 4 ब्लॉक ऐसे हैं जो डार्क जोन में हैं।बाकी ब्लॉक में तेजी से भूजल का स्तर गिर रहा है।
इस मौके पर शिक्षक शिरोमणी अवॉर्ड, एपीजे अब्दुल कलाम अवॉर्ड, यंग साइंटिस्ट अवार्ड, आर्यभट्ट साइंटिस्ट अवार्ड, वुमन एंपावरमेंट अवार्ड, लाल बहादुर शास्त्री अवार्ड से तमाम विभूतियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में डॉ. संजीव कुमार, डॉ. अजीत कुमार, डॉ. संजय कुमार, डॉ. गुंजन, डॉ. कविता, डॉ. विक्रांत, मध्य प्रदेश से डॉ. तेज सिंह, तेलंगाना से डॉ. सुधांशु चंद्र, डॉ. पदमा, डॉ. नीलिमा, डॉ. शानदार, उत्तराखंड से डॉ. महेश उनियाल, सुरेंद्र विष्ट, डॉ. सुनील कुमार, डॉ. रीना, डॉ. तेज सिंह, डॉ. अजीत सिंह, रजत सिंह, डॉ. एमके राय, प्रोफेसर किरण शर्मा, दिव्या उप्रेती, सरला चौधरी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।