एक और छावनी के अधिकारी अवैध निर्माण तोड़ने हेतु मांग रहे है फोर्स, दूसरी तरफ हो रहे है भव्य अवैध निर्माण सदर घंटाघर के निकट आगे पुरानी दुकान, जीना और पीछे हो रहा है अवैध निर्माण

0
799

मेरठ 14 अक्टूबर। एक तरफ तो छावनी परिषद के अधिकारी अवैध निर्माण तोड़ने के बड़े बड़े दावें कर रहे है और इसके लिए निर्माणों की एक सूची बनाकर प्रशासन से उन्हे तोड़ने के लिए अफसर और पुलिस फोर्स मांग रहे है दूसरी और अवैध निर्माण है की बढ़ते ही जा रहे है और अब तो छावनी के नागरिक सीधे सीधे यह कहने लगे है की कैंट बोर्ड के अवैध निर्माण रोकने से सबंध अधिकरी एई और जेई आदि पैकिज तय कर खुले आम अवैध निर्माण करा रहे है और उनके द्वारा इसकी ऐवज में इसके द्वारा ग्रांउड फस्र्ट और सेंकेट और थर्ड तक के अलग अलग व्यवस्था तय कर निर्माण करने की छूट दी जा रही है। वैसे तो छावनी के आठों वार्डो में तमाम अवैध निर्माण होते नजर आ जाते है लेकिन फिलहाल केन्द्र और उप्र सरकार की निर्माण नीति के विपरित कैंट क्षेत्र में हो रहे अवैध निर्माणों के जीते जागते उदाहरण के रूप में वार्ड 4 में स्थित योगेन्द्र हार्ट के सामने चित्र में काली पन्नियां डालकर होते इस अवैध निर्माण को देखा जा सकता है।
बताते है की साईड फ्रर्ट और बैक कुछ भी ना छोड़ निर्माण कर्ता द्वारा नाली से ही निर्माण का कार्य पर्दे के पीछे अंदर ही अंदर शुरू कर दिया गया है और इसकी पूरी जानकारी अवैध निर्माण रोकने से सबंध छावनी परिषद के अधिकारियों को है क्योकि इस अवैध निर्माण से कुछ ही फासलें पर कैंट बोर्ड का आॅफिस है और सारे अधिकारियों का इधर से आवागमन होता ही रहता है।
दूसरी तरफ यह चर्चा जोरो पर है की सदर घंटाघर के निकट अंदर ही अंदर पुराना निर्माण तोड़ नया निर्माण कर लिया गया है जो जल्दी जल्दी में बताते है की नियमों के हिसाब से पूरी तौर पर तैयार ना होने के कारण कभी भी दुर्घटना की वजह बन सकता है बताते है की पुरानी दुकाने के पीछे जीने के माध्यम से किये गये इस निर्माण से भी मोटी रकम ऐईई और जेईई द्वारा पैकेज के रूप में तय करके ली गयी।
मौखिक सूत्रों से प्राप्त उक्त जानकारी में कितनी सच्चाई है यह तो जांच का विषय है लेकिन अगर छावनी परिषद के अधिकारी वाकई अवैध निर्माण रोकने के लिए ईमानदारी से प्रयास कर रहे है तो दिवारों और पर्दो के पीछे कैसे हो रहे है अवैध निर्माण यह देखना है उनका काम।

loading...

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here