कमिश्नर मेरठ और जीओसी से शिकायत किये जाने की है चर्चा
आरटीआई कार्यकर्ता ने मामले से डाॅयरेक्टर जनरल और रक्षा सचिव को अवगत कराने की बात कही
मेरठ 7 नवबंर। कैंट बोर्ड के अधिकारी पुराने अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्यवाही करने का ढोल पीट रहे है दूसरी तरफ कागजी खाना पूर्ति करने हेतु नये हो रहे अवैध निर्माणों को तोड़ने के नोटिस भी दे रहे है मगर मिली भगत करके उन्हे पूरा भी करा रहे है इस इसके प्रमाण के रूप में कैंट बोर्ड कार्यालय के निकट योगेन्द्र हाॅट के सामने हो रहे इस अवैध निर्माण हो देखा जा सकता है बताते चले की जब बिल्कुल चैराहे पर खुले आम केन्द्र व प्रदेश सरकार की निर्माण नीति के विरूध यह अवैध निर्माण शुरू हुआ था तो समाचार पत्रों में खबर छपीं तब बताया गया की इसकेखिलाफ कार्यवाही की जा रही है मगर पहली मंजिल पर लेंटर पड़ा तब कहा गया की इसे तुड़वा रहे है लेकिन अब दूसरा लेंटर तो पड़ ही गया कच्चे और कमजोर निर्माण में बिल्कुल सड़क पर दो बड़े बड़े शटर भी लगा दिये गये और अवैध निर्माण रोकने से सबंध कैंट बोर्ड के अधिकारी कह रहे है की उन्हे पता ही नही की दूसरा लेंटर पड़ गया और शटर भी लग गये। अब क्या कार्यवाही होगी पूछने पर अवैध निर्माण से सबंध एक अधिकारी का कहना था की इसे ढहाने का नोटिस तो पहले ही दिया जा चुका है अब इस संदर्भ में अब संदर्भ में कभी भी कार्यवाही भी की जा सकती है क्योकि अब कोई नोटिस देने की आवश्यकता नही है। इस संदर्भ में लोगो का कहना है की कैंट बोर्ड के अवैध निर्माण रोकने से सबंध अधिकारियों द्वारा पैकज तय कर अवैध निर्माण करवाये जा रहे है। एक आरटीआई कार्यकर्ता का इस संदर्भ में कहना है की उसके द्वारा इस निर्माण से सबंध अखबारों की कटिंग और सूचनाएं एकत्रित की गयी है और किन किन अधिकारियों की इसमें मिली भगत हो सकती है उन सबके संदर्भ में तैयारी कर इसकी शिकायत पहले कमिश्नर मेरठ और जीओसी साहब से करने के साथ ही डायरेक्टर जनरल कैंट बोर्ड लखनऊ और दिल्ली के अधिकारियों सहित रक्षा सचिव आदि को लिखित शिकायत भेजी जा रही है तथा आरटीओ में इस संदर्भ में निर्माण शुरू होते की कार्यवाही क्यो नही की गयी और यह निर्माण जो हुआ उसके लिए जिम्मेदार कौन है और उसके खिलाफ क्या कार्यवाही हुई अथवा कार्यालय पर आर्थिक बोझ डालने के लिए एक मुकदमा इस निर्माण से सबंध और शुरू करा दिया गया।
सीईओं कैंट इन अवैध निर्माणों का निरक्षण क्यो नही करते
कैंट बोर्ड के सीईटों श्री राजीव श्रीवास्तव आबुलेन का तो निरक्षण कर रहे है मगर दफ्तर से वहां जाने तक रास्तें में यह जो अवैध निर्माण या इस जैसे अन्य नियम विरूध निर्माणों का निरक्षण क्यो नही करते?