मेरठ 22 अगस्त (प्र)। सीबीआइ ने जांच में कैंट बोर्ड के डोर टू डोर ठेके में गड़बड़ी पकड़ी है। इस प्रकरण में कैंट बोर्ड के सफाई अधीक्षक वीके त्यागी और निलंबित चल रहे सफाई निरीक्षक अभिषेक गंगवार को पत्रावलियों में छेड़छाड़ करने और अपने दायित्वों के प्रति लापरवाही बरतने का दोषी पाया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। इसको लेकर बुधवार को कैंट बोर्ड के अध्यक्ष निखिल देशपांडे की अध्यक्षता में सीईओ जाकिर हुसैन और मनोनीत सदस्य डा. सतीश चंद्र शर्मा ने विशेष बैठक की।
बोर्ड ने अभी वीके त्यागी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। जबकि अभिषेक गंगवार पर बहाली के बाद कार्रवाई की जाएगी। बैठक में डोर टू डोर का ठेका लेने वाली अग्रवाल एंड कंपनी का बकाया भुगतान करने का भी निर्णय लिया गया है। छावनी परिषद के सभागार में आयोजित विशेष बैठक में सीईओ ने सीबीआइ के मामले समेत कई और प्रस्ताव रखें। जिन पर मुहर लगाई गई। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए आगरा की अग्रवाल एंड कंपनी को 2019 में ठेका दिया गया था। 18 लाख 57 हजार रुपये प्रति माह घर-घर से कूड़ा कलेक्शन का टेंडर डाला था तत्कालीन सीईओ प्रसाद चव्हाण ने बोर्ड बैठक में दर अधिक होने की बात कही थी । यही कंपनी 15 लाख 60 हजार रुपये प्रति माह में काम कर रही थीं। इसी दर पर कंपनी ने काम भी शुरू कर दिया था। 2021 में प्रसाद चव्हाण के तबादले के बाद तत्कालीन सीईओ नावेंद्र नाथ ने बोर्ड बैठक में फिर से प्रस्ताव लाकर ठेके की दर 18 लाख 57 हजार रुपये कर दी गई थी। जिसका विरोध हुआ था । पूर्व सीईओ ज्योति कुमार के समय इसी कंपनी को 2022 में फरवरी- मार्च का भुगतान 15 लाख 60 हजार रुपये प्रति माह की दर से किया गया। सीबीआइ ने इस प्रकरण की जांच एक आरटीआइ कार्यकर्ता की शिकायत पर की।
म्यूटेशन और अवैध निर्माण की शिकायतों पर क्लीनचिट
सीबीआइ ने म्यूटेशन और अवैध निर्माण के संबंध में हुई शिकायतों की जांच में कैंट बोर्ड को क्लीनचिट दे दी है। सीबीआइ फूड लाइसेंस के प्रकरण में कैंट बोर्ड द्वारा 22 बी पर सील लगाने व विभागीय कार्रवाई से संतुष्ट है। म्यूटेशन के नौ में से आठ मामले ठीक पाए गए हैं जबकि एक केस कैंट बोर्ड पहले ही रद कर चुका है। अवैध निर्माण पर कैंट बोर्ड की कार्रवाई से सीबीआइ संतुष्ट है। यह बात कँट बोर्ड की बैठक में अधिकारियों ने कही।
कूड़ा निस्तारण के लिए दो प्रस्ताव होंगे तैयार
विशेष बैठक में निर्णय लिया गया है कि कूड़ा निस्तारण के लिए दो प्रस्ताव तैयार होंगे। एक प्रस्ताव लीगेसी वेस्ट प्लांट लगाने का बनेगा और दूसरा प्रस्ताव ताजे कूड़े का निस्तारण प्लांट लगाने का बनेगा। किला परीक्षितगढ़ मार्ग पर अब्दुल्लापुर स्थित डंपिंग ग्राउंड में लीगेसी वेस्ट डंप है। वहीं, प्रतिदिन कैंट क्षेत्र से 50 टन कूड़ा उत्सर्जित होता है।
क्षेत्र के पांच वार्डों की सफाई ठेके पर कराई जाएगी
कैंट क्षेत्र में सफाई का नया टेंडर बदले स्वरूप में होगा। वार्ड एक से तीन तक की सफाई कैंट बोर्ड के नियमित सफाई कर्मचारियों से करवाई जाएगी। करीब 120 नियमित सफाई कर्मी हैं। वहीं, वार्ड चार, पांच, छह, सात और आठ की सफाई ठेके पर दी जाएगी। करीब 238 आउटसोर्सिंग सफाई कर्मचारियों से सफाई कराई जाएगी। सफाई कार्य की पूरी जिम्मेदारी ठेकेदार की रहेगी। विरोध बैठक में ये प्रस्ताव भी रखा गया।
कैंट बोर्ड की विशेष बैठक में यह प्रस्ताव भी रखे गए
– सात सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पुनः संविदा पर रखने का प्रस्ताव आया। जिस पर बोर्ड अध्यक्ष ने नियम स्पष्ट करने का कहा है।
– रंगसाज मुहल्ले के एक भवन का टैक्ट तीन लाख से बढ़ाकर 16 लाख कर दिया गया। सीईओ इसकी जांच करेंगे। यह एसेसमेंट का प्रकरण है।