Sunday, September 15

रिलीज होने से पहले ही विवादों में घिरी कंगना की इमरजेंसी, सिख समाज ने किया विरोध

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मवाना 28 अगस्त (प्र)। केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिख समुदाय के सदस्य को शामिल करने और कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी में सिखों के चरित्र को गलत तरीके से प्रस्तुत करने की मांग को लेकर मंगलवार को सिख समुदाय के सदस्यों ने एसडीएम अंकित कुमार को ज्ञापन दिया।

सिख समुदाय के सदस्यों ने मांग करते हुए कहा अपनी सिख विरोधी और पंजाब विरोधी अभिव्यक्तियों के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ने यह फिल्म जानबूझकर सिखों को चित्रित करने के इरादे से बनाई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। जून 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर राष्ट्र का अपमान करने का कार्य हैं। जून 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को देश कभी नहीं भूल सकता और संत जरनैल सिंह खालड़ा भिंडरावाले की श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित कर दिया है। जबकि कंगना रनौत इस फिल्म के माध्यम से उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है।

एक ओर जहां मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवन्त सिंह खालड़ा के जीवन पर आधारित फिल्म पंजाब 95 को 85 कट्स के बाद भी रिलीज की मंजूरी नहीं दी गई। फिल्म पर प्रतिबंध लगाना बहुत जरूरी है क्योंकि यह स्वाभाविक है कि इस फिल्म के रिलीज होने से सिख समुदाय में काफी गुस्सा और नाराजगी होगी। इस दौरान हरविंदर सिंह गुरेटा, किशोर टॉक वाल्मीकि, राजवंत सिंह चीमा, हरजिंदर सिंह शाहपुर, गुरजंट, जीवन सिंह, हरजीत सिंह, गुरजीत सिंह, आजाद सिंह, सिमरन दिलबाग, सतनाम रहे।

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