मेरठ 5 अक्टूबर। व्यापार और उद्योग को बढ़ावा देने तथा विकास कार्याें को गति के पंख लगाने एवं जनहित की सरकारी योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति तक पहुंचाने और नागरिकों के चहुमुंखी स्वर्णिम विकास हेतु मेरा हमेशा प्रयास रहा कि सरकारी अवकाश कम हो और जो चल रहे हैं उन्हे भी देश और जनहित में सिर्फ रविवार को छोड़ कर सभी अवकाश समाप्त किया जाना चाहिये। और इस संदर्भ में मेरे द्वारा हमेशा जब भी मौका मिला लिख कर या मौखिक रूप से अथवा जिम्मेदार लोगों को पत्र भेजकर मांग भी की जाती रही है लेकिन प्रदेश सरकार ने सार्वजनिक अवकाश निर्गत सूची में महर्षि वाल्मीकि जयंती पांच अक्टूबर की छुटटी निर्धारित अवकाश घोषित कर इस छुटटी को रदद किया जाना कुछ ठीक सा नहीं लगता है। क्योंकि एक तरफ हम वाल्मीकि समाज के उत्थान और उन्हे बढ़ावा देने और आगे लाने के साथ साथ हर मंच पर उन्हें सम्मान देने की बात करते हैं तो दूसरी तरफ किसी एक व्यक्ति की नहीं बल्कि पूरे वाल्मीकि समाज की भावना के साथ साथ हर मानव की सोच से जुड़े सम्मान ओर आस्था के प्रतीक महर्षि वाल्मीकि जयंती पर होने वाला अवकाश निरस्त करना ठीक नहीं कहा जा सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी भाजपा के राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह और यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष श्री महेंद्र पांडे को चाहिये कि इस अवकाश को लेकर दोबारा सोचा जाए। और महर्षि वाल्मीकि दिवस पर खत्म किया गया अवकाश शुरू किया जाए वरना रविवार होली पर रंग के दिन, दीवाली, 15 अगस्त, 26 जनवरी, 2 अक्टूबर, आदि को छोड़ कर बाकी सभी छुटिटयां भी समाप्त की जाए देश और जनहित में।
महर्षि वाल्मीकि जयंती पर घोषित अवकाश समाप्त किया जाना उचित नहीं
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