मेरठ 7 अक्टूबर। मेरठ कैंट स्मार्ट हो गया है। ऐसी चर्चा खूब सुनने को मिलती है अखबारों में। इससे संबंध खबरे भी छपती है और छावनी परिषद के अधिकारी भी ऐसे दावे करने का कोई मौका नहीं चूकतें। इस संबंध में सरकार से भी कोई प्रमाण पत्र मिल गया बताया जाता है मगर क्या कैंट वाकई स्मार्ट हो गया है। यह अगर देखना है तो जो लोग स्मार्ट कैंट होने की बात कर हे हैं वो आठो वार्डाें के गली मोहल्लो व मुख्य मार्गाें का निरीक्षण करे तो उन्हे पता चलेगा कि कैंट स्मार्ट तो क्या पहले से भी बदहाली पर पहुंच गया हैं। इसका जीता जागता सबूत के रूप में हम वार्ड चार के क्षेत्र में पड़ने वाले योगेंद्र हाट को देख सकते हैं।
जिस समय शहीदों के नाम पर योगेंद्र हाट बनी थी तो इसका भव्य उदघाटन हुआ था और इस चैराहे को आदर्श चैराहा बनाने और योगेंद्र हाट में अनेक प्रकार की दुकानों को खोलने की बात कहीं गई थी। पीएम नरेंद्र मोदी जी द्वारा 2014 को केंद्र में सरकार बनाने के बाद 2 अक्टूबर को देशभर में स्वच्छता अभियान चलाया गया। 2 अक्टूबर 2017 को अभियान ने पूरे तीन वर्ष किये। छावनी परिषद केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय से संबंध कार्यक्षेत्र में आता है। उसके बाद भी यहां का सौंदर्यकरण तो क्या जो गंदगी योगेंद्र हाट ओर उसके आसपास मौजूद है। उसे देखकर तो नरकीय जैसे माहौल का अहसास ही होता है। अफसरों के द्वारा दावा किये जाना समझ में आता है लेकिन हमारे जनप्रतिनिधि चाहे वो किसी भी दल के हो उनके द्वारा साफ सफाई बनी रही ओर योगेंद्र हाट जैसी प्रमुख जगह का वाकई सौंदर्यकरण हो और जिस उददेश्य से यह बनाई गई थी वो कामयाब हो उसके लिये हमारे जनपतिनिधियों को प्रयास करते रहने चाहिये जो शायद पूरी तौर पर अभी नहीं किये जा रहे वरना छावनी परिषद कार्यालय के कुछ फासले पर सड़के टूटी और योगेंद्र हाट बेहाल नजर नहीं आती।
जनप्रतिनिधि दें ध्यान!: बदहाल योगेंद्र हाट, टूटी सड़के क्या ये ही है स्मार्ट कैंट?
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