मेरठ : कमिश्नर डा. प्रभात कुमार ने एमडीए को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि ‘मुङो अवैध निर्माण दिखते हैं मगर आप लोगों को नहीं दिखते हैं। अगर ऐसे ही चलता रहा तो एमडीए अपना अस्तित्व कैसे बरकरार रख सकेगा।’ गुरुवार को कमिश्नर हॉल में कमिश्नर ने एमडीए के कार्यो की समीक्षा की। इसमें एमडीए के सचिव राजकुमार व चीफ इंजीनियर श्रीवास्तव शामिल हुए।
कमिश्नर ने कहा कि न तो एमडीए अनधिकृत निर्माण तोड़ते हैं और न ही शमन की कार्रवाई ठीक प्रकार से करते हैं, यह सब नहीं चलेगा। अगली समीक्षा बैठक तक ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। निर्देश दिया कि एमडीए अपनी कॉलोनियों में रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन का गठन करें ताकि वह सफाई आदि व्यवस्थाओं में एमडीए का सहायक हो सके।
कॉलोनियों में कम्युनिटी सेंटर बनाया जाए। सभी जेई सुबह अपने-अपने क्षेत्रों में भ्रमण कर अवैध निर्माणों को चिह्न्ति करें। कमिश्नर ने कहा कि वह स्वयं नवंबर में कॉलोनियों का निरीक्षण करेंगे। इन बड़े बकायेदारों का भी आवंटन नहीं हुआ निरस्त कमिश्नर ने गैर आवासीय संपत्तियों के सापेक्ष भवन स्वामियों की बकाया देय धनराशि का भुगतान जमा न करने पर उनका आवंटन निरस्त करने का आदेश दिया। एमडीए ने बड़े बकायेदारों की जानकारी दी।
इनमें वेदव्यासपुरी में अंसल लैंड मार्क टाउनशिप पर 31 करोड़, आठ लाख रुपये, डिलाइट होम्स प्रा. लि. पर 16 करोड़ 74 लाख, एम्स प्रमोटर्स प्रा. लि. पर 32 करोड़ 95 लाख, गंगानगर में देवेंद्र कुमार गर्ग पर एक करोड़ छह लाख, श्रद्धापुरी फेज-2 में मां लक्ष्मी हाउसिंग एंड हेल्थ वेलफेयर ट्रस्ट पर 64 लाख 41 हजार, स्पोर्ट्स गुड्स कांप्लेक्स में कमल कुमार पर 60 लाख 54 हजार, श्रद्धापुरी फेस-1 में दीपक बिल्डर्स पर दो करोड़ 71 लाख रुपये, पांडवनगर में नरेश कुमार व अन्य पर 52 लाख 91 हजार रुपये बकाया राशि के साथ शामिल हैं।
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