मेरठ 8 दिसंबर। आयुक्त मित्र दिवस में आयुक्त डा0 प्रभात कुमार ने प्रस्तुत प्रकरणों की सुनवाई करते हुए शिकायतकर्ता सुबोध त्यागी मौहल्ला गूजरान, कस्बा सरधना, तहसील सरधना, जिला मेरठ द्वारा प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के प्रकरण में शिकायतकर्ता को परगनाधिकारी सरधना के न्यायालय में नियमानुसार उ0प्र0भू- राजस्व अधिनियम की धारा 210 के अन्तर्गत अपील योजित करने तथा श्री दयानन्द ग्राम बीहटा, तहसील स्याना, जिला बुलन्दशहर के प्रकरण में तत्कालीन लेखपाल एवं कानूनगो के विरूद्ध कार्यवाही करने तथा भूमि को गांवसभा में दर्ज करने के निर्देश दिये। मित्र दिवस में सुनवाई करते हुए आयुक्त के समक्ष सुबोध त्यागी निवासी-मौहल्ला गूजरान, कस्बा सरधना, तहसील सरधना, जिला मेरठ ने बताया कि खसरा सं0-2890,रकबा 1-13-0 स्थित बहारहदूद सरधना के संक्रमणीय भूमिधर रामस्वरूप, हरस्वरूप पुत्रगण गोविन्द, रूपचन्द, दत्तक पुत्र सोल्लड़ व
ओमप्रकाश, सत्यप्रकाश, श्रीकिशन, बालेश्वर, जनेश्वर पुत्रगण हरस्वरूप प्रार्थी के ही पूर्वज हैं।
उक्त जमीन में रूपचन्द पुत्र स्व0 सोल्लड़ ने अपने सम्पूर्ण भाग का बैनामा प्रार्थी के बाबा हरस्वरूप आदि के नाम कर दिया था तथा बैनामे के उपरान्त रूपचन्द का उक्त भूमि में कोई हिस्सा नहीं रह गया था। रूपचन्द की मृृत्यु के उपरान्त रूपचन्द की विधवा श्रीमती फूलवती से मनमोहन पुत्र ओमप्रकाश ने एक फर्जी वसियत अपने पत्नी श्रीमती विदुषी के नाम करा ली तथा फूलवती की मृृत्यु के उपरान्त उक्त फर्जी वसियत के आधार पर विदुषी का नाम खतौनी में दर्ज करा लिया। उन्होंने बताया कि उक्त प्रकरण के सम्बंध में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) मेरठ द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम सरधना की खतौनी वर्ष 1421 ता 1426 में खाता सं0-27 के खसरा सं0-2890, रकबा 1-13-0 पर श्री ओमप्रकाश, सत्यप्रकाश, बालेश्वर, जनेश्वर पुत्रगण हरस्वरूप, सुशील त्यागी पुत्र श्रीकृष्ण, श्रीमती ब्रहमवती पत्नी स्व0 श्रीकृषण, श्रीमती विदुषी पत्नी मनमोहन त्यागी एवं मोहन पुत्र ओमप्रकाश का नाम बतौर संक्रमणीय भूमिधर अभिलेखों में दर्ज है, उक्त प्रकरण के सम्बंध में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) बुलन्दशहर द्वारा अवगत कराया गया कि ग्राम बीहटा के गाटा सं0-512क, गाटा सं0-519क, गाटा सं0-618क, गाटा सं0-929क, गाटा सं0-927, तथा खाता सं0-283 के गाटा सं0-926ख, खाता सं0-291 के गाटा सं0-379ड व गाटा सं0-380ड़, पर श्री त्रिलोकचन्द (गूंगा) पुत्र खचेडू संरक्षक, भारतभूषण निवासी ग्राम का नाम सखातेदार के रूप में दर्ज है तथा खतौनी फसली वर्ष 1407-1412 फसली में त्रिलोकचन्द (गूंगा) पुत्र खचेडू संरक्षक भारतभूषण निवासी ग्राम अंकित था।
आयुक्त ने दिये फर्जी प्रविष्टि दर्ज करने पर तत्कालीन लेखपाल एवं कानूनगों के विरूद्ध कार्रवाई के निर्देश
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