Sunday, February 16

मेरठ से प्रयागराज 8 घंटे में: मेरठ-हापुड़ सेक्शन पर 60 फीसदी काम पूरा, खड़खड़ी में 16 लेन का बन रहा टोल प्लाजा

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मेरठ 16 मई (प्र)। गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य जोरों पर चल रहा है। कुंभ मेले से पहले इसे चालू करने की तैयारी है। 594 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे 12 जिलों के 518 गांवों से होकर गुजरेगा। मेरठ बुलंदशहर हाईवे पर बिजौली गांव से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे प्रयागराज में एनएच 19 पर जुदापुर दादू गांव के पास तक होगा। खरखौदा क्षेत्र के खड़खड़ी गांव में 16 लेन का टोल प्लाजा का निर्माण अंतिम दौर में है। जंगल में 15 किलोमीटर तक सड़क निर्माण हो गया है। अभी यह छह लेन का एक्सप्रेसवे है, लेकिन बाद में इसे आठ लेन तक चौड़ा किया जा सकेगा। इस पर आपातस्थिति में फाइटर प्लेन भी आसानी से उतर सकेगा। मेरठ से प्रयागराज तक का सफर सिर्फ छह घंटे में सफर तय किया जा सकेगा और 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से वाहन दौड़ेंगे।

गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण भी 12 चरणों में ही किया जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर 36,000 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। गंगा एक्सप्रेसवे मेरठ के बाद ये हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ से होता हुआ प्रयागराज पर खत्म होगा। गंगा एक्सप्रेसवे पर न केवल गाड़ियां दौड़ेंगी, बल्कि आपातस्थिति में बड़े फाइटर प्लेन और हेलीकॉप्टर भी इस पर उतर सकेंगे। शाहजहांपुर में 3.50 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई जा रही है। गंगा और रामगंगा नदियों पर दो बड़े पुलों का निर्माण भी किया जा रहा है।

देश का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे
गंगा एक्सप्रेसवे लंबाई के मामले में भारत का तीसरा सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बनने वाला है। अभी जो सबसे लंबा एक्सप्रेसवे बन रहा है वो दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे है, जो 1,350 किलोमीटर से भी ज्यादा लंबा है। दूसरा सबसे लंबा मुंबई-नागपुर एक्सप्रेसवे है जो 700 किलोमीटर से थोड़ा ज्यादा लंबा है। निर्माणदायी संस्था आईआरबी के मुख्य महाप्रबंधक अनूप सिंह ने बताया कि खरखौदा क्षेत्र के गांव खड़खड़ी के जंगल में 16 लेन के टोल प्लाजा का निर्माण अंतिम दौर में है। इसे ग्रीनफील्ड परियोजना को समय रहते ही पूरा कर लिया जाएगा। मेरठ-हापुड़ सेक्टशन पर 60 फीसदी तक काम पूरा हो गया है।

तेजी से चल रहा पिलर स्लैप डालने का कार्य
मेरठ के खरखौदा के गांव बिजौली से शुरू हो रहे एक्सप्रेसवे की मुख्य सड़क के 10 किलोमीटर लंबे भाग को गांव धौला, अटौला और गोविंदपुरी के जंगल तक बना लिया गया है। वहीं 10 किलोमीटर लंबी अन्य सड़क का काम अंतिम चरण में है। इसके अलावा हिस्से पर गिट्टी डालने का कार्य चल रहा है, वहीं बिजौली इंटरचेंज भी आकार लेने लगा है। नेशनल हाईवे 334 पर ओवरब्रिज पर पिलर और स्लैप डालने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। यहां आसपास मिट्टी भराव का कार्य पूरा हो चुका है, उतार चढ़ाव पर मिट्टी डाली जा रही है। गांव अंतराड़ा में काली नदी के ऊपर पुल बनकर तैयार हो चुका है, ऐसे ही गांव अटीला में भी बड़ा पुल बनाने का कार्य अंतिम दौर में हैं। वहीं गंगा एक्सप्रेसवे के मध्य में बने डिवाइडर के बीच में छोटे पौधे और फुलवारी लगाने का काम भी शुरू हो गया है।

बताते चले कि  2024 के मध्य तक इंटरचेंज निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण कार्य कुंभ 2025 से पहले अगले साल दिसंबर तक पूरा करने पर जोर है. इसके लिए निर्माण कंपनी को भी विशेष रूप से निर्देशित किया गया है. मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे को 12 पैकेज में विभाजित कर निर्माण कार्य चल रहा है. 594 किलोमीटर लंबी एक्सप्रेस-वे पर 18 फ्लाईओवर और 8 ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाएगा. 12 जिलों से होकर गुजरने वाले गंगा एक्सप्रेसवे के जरिए मेरठ से प्रयागराज की दूरी महज 8 घंटे में पूरी हो सकेगी.

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