मेरठ : राजपूत महासभा के परिचय सम्मेलन में दहेज के दैत्य पर जमकर प्रहार हुआ। तमाम लोगों ने हाथ उठाकर बिना दहेज की शादी का संकल्प लिया। 262 युवक-युवतियों ने पंजीकरण कराया था, जिसमें 42 परिवारों में सहमति बनी।अजंता कालोनी स्थित राजपूत भवन जनकपुरी में रविवार को राजपूत महासभा की ओर से युवक-युवती परिचय सम्मेलन हुआ। इसमें मेरठ के अलावा बुलंदशहर, बागपत, बिजनौर, हापुड़, गाजियाबाद समेत कई जनपदों के युवक-युवतियां और उनके परिजन पहुंचे। बड़ी संख्या में युवक और युवतियां उच्च शिक्षित थे।
युवतियों की पसंद अपना घर व नौकरीपेशा पति: युवतियों के बायोडाटा युवकों की अपेक्षा कम थे। इसे आयोजक सीधे लिंगानुपात से जोड़कर देख रहे हैं। युवतियों ने अपने भावी जीवनसाथी के नौकरी-पेशा होने को प्राथमिकता दी। अपना घर और एमएनसी में नौकरी करने वाले को हमकदम बनाने वाली युवतियों की संख्या सर्वाधिक रही।
युवकों को चाहिए शिक्षिका जीवनसाथी : युवक शिक्षित व नौकरीपेशा जीवनसाथी चाहते हैं। दोनों परिवार छोटे परिवार की परिकल्पना संजोए थे।
दहेज न लेने को उठे हाथ : परिचय सम्मेलन में पल्लवपुरम निवासी वीर विक्रम सिंह के साथ ही राजेंद्र सिंह चौहान, महेश चौहान, राजवीर सिंह सिसौदिया व राकेश सोम ने दहेज न लेने का संकल्प लिया। सभी ने एकसुर में कहा कि अपने बेटों के लिए योग्य युवतियों की तलाश है। बिना दहेज के विवाह करेंगे। सभी के बेटे उच्च शिक्षित हैं।
ऐसे आयोजन समाज की जरूरत : मुख्य अतिथि एसपी सिटी मान सिंह चौहान व विशिष्ट अतिथि नगर आयुक्त मनोज कुमार चौहान रहे। दोनों ने कहा कि ऐसे आयोजन समाज की जरूरत हैं। महासभा के अध्यक्ष ठा. सोमवीर सिंह राघव ने कहा कि पुराने दौर में बड़े-बूढ़े विवाह की जिम्मेदारी उठाते थे लेकिन अब एकल परिवार बढ़ने के कारण यह जिम्मा समाज का है। ठा. बिजेंद्र पाल सिंह सिसौदिया, ठा. आनंद प्रकाश तोमर, ठा. कृपाल सिंह राघव, कैप्टन सरजीत सिंह, ठा. सूबेदार सिंह, युवा महासभा के जिलाध्यक्ष दिग्विजय सिंह आदि का सहयोग रहा।
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