स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान शहर की तरक्की को मुददा बनाने और प्रत्याशियों को इससे संबंध एजेंडे का हिस्सा बनने के लिये प्रेरित करने हेतु अगले महीने 11 नवंबर को सिटीजन फोरम द्वारा शहर के एक बड़े होटल में कांफ्रेंस आयोजित की जा रही है। दावा किया जा रहा है कि शहर के विकास को रफ्तार देने के लिये इस फोरम का गठन किया गया है। अगर ध्यान से देखे तो यह विषय बहुत ही अच्छा और यह कदम प्रशंसा योग्य है लेकिन इसे वो लोग उठाए जो खुद अभी तक सरकार की नीतियों के विरूद्ध कोई काम न करते रहें हों।
24 अक्टूबर को एक समाचार पत्र में एमडीए के पूर्व टाउन प्लानर जागेश कुमार का इस संदर्भ में बयान छपा। जिसे लेकर जागरूक नागरिकों में यह चर्चा मौखिक रूप से विशेष तौर पर सुनाई दी गई कि अगर सिटीजन फोरम में जागेश कुमार जैसे लोग शामिल हैं तो तो शहर के विकास की बात किया जाना मात्र दिखावा ही हो सकता है। क्योंकि विशेष सूत्रों का कहना है कि एमडीए में टाउन प्लानर रहते हुए और नौकरी से इस्तीफा देने के बाद जागगेश कुमार द्वारा जो मानचित्र पास कराए गए उनकी जांच करायी जाए तो उसमे शासन की निर्माण नीति के विपरीत बिंदुओं को नजर अंदाज कर अपने प्रभाव और पद का इस्तेमाल कर कुछ गलत मानचित्र पास कराए गए मिल सकते हैं।
और कितने ही अवैध निर्माण शहर में ऐसे मिलने की संभावना है जिनके मानचित्र इनके द्वारा बनाए गए हो सकते हैं। मेरठ विकास प्राधिकरण के पूर्व टाउन प्लानर जागेश कुमार का कहना है की इस फोरम में जनप्रतिनिधि, इंजीनियर, डाॅक्टर, सीए, समाजिक कार्यकर्ता, आरकेटेक्ट एक साथ जुटेंगे।
यह बात बहुत अच्छी है कि लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों को इस फोरम से जुड़े लोगों की जांच कराकर यह देखना चाहिये कि कहीं उनमे से कुछ के द्वारा अपने अवैध निर्माण, अतिक्रमण या विभिन्न मामलों में संबंध आर्थिक चोरी के मुददो से ध्यान हटाने के लिये तो सिटी जन फोरम से जुड़ने का प्रयास तो नहीं किया गया।
बताते चले कि कुछ वर्ष पूर्व एक ऐसे ही मंच के माध्यम से विक्टोरिया पार्क कांड में हतायात हुए लोगों की मौत के लिये लगभग जिम्मेदार मेला लगाने वाले एक व्यक्ति द्वारा झूठ बोलेकर सूरजकुंड के विकास और सौंदर्यकरण का काम हथियाने की कोशिश की गई थी जो केसर खुशबू टाईम्स द्वारा सवाल उठाने पर असफल हो गई।
मेरा मानना है कि सिटीजन फोरम में जिन वीआईपी को किसी भी अवसर पर आमंत्रित किया जाए उनको वहां जाने से पहले इसकी पूरी योजना और इससे जुडे लोगों की पूर्व की कहानी और कार्यप्रणाली की जांच करानी चाहिये। और अगर सब कुछ ठीक लगे तो वाकई में सिटीजन फोरम का प्रयास सहीं कहा जा सकता और सबको आगे बढ़कर सहयोग कर जाना भी चाहिये।
लेकिन सबसे बड़ी बात तो यह है कि जो सज्जन एमडीए के पूर्व टाउन प्लानर जागेश कुमार इस प्रयास को परवान चढाने में लगे हैं । कुछ लोगों का कहना है की उन्होंने तो खुद ही शहर के सुनियोजित विकास को पलीता लगाने में सक्षम गढ़ रोड पर अवैध निर्माण कर रखे हैं और जहां यह रहते हैं वहां भी किसी न किसी रूप में इनकी सहभागिता से काफी अवैध निर्माण हुए और हरे पेड़ काटे गए और काटे जाने की एक योजना भी प्रस्तावित बताई जाती है।
मंडलायुक्त जी इस शहर में आपके द्वारा जिस ईमानदारी विकास कार्याें और शहर के सुनियोजित विकास के लिये प्रयास किये जा रहे हैं उन्हे दृष्टिगत रख जागेश कुमार के बारे में जो चर्चा मौखिक रूप से सुनने को मिल रही है पहले इनके घर और आसपास के इलाकों में तथा गढ़ रोड पर हुए अवैध निर्माण की गहनता से भी जांच हों। कुछ वर्ष पूर्व कुछ समाचार पत्रों में भी इनके द्वारा किये गए अवैध निर्माणों से संबंध खबरे पढ़ने को मिली थी।
छपी खबर के अनुसार मेरठ सिटीजन फोरम शहर को वाईब्रेंट बनाने के लिए सिटी डेवलपमेंट पर गहन मंथन करने हेतु होटल ब्राॅडवे-इन में 11 नवंबर को एक कांफ्रेंस रखी गई है, जिसमें पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप से शहर की तरक्की को तेज करने के फार्मूले पर विचार-विमर्श होगा। यहां जनप्रतिनिधि, शहर के आला अफसर और डेवलपमेंट एक्सपर्ट एक मंच पर होंगे। मेरठ सिटीजन फोरम का गठन शहर के विकास को रफ्तार देने के लिए किया गया है। इस फोरम में कारण कुछ भी हो अहम भूमिका निभा रहे एमडीए के पूर्व टाउन प्लानर जागेश कुमार बताते हैं कि शहर में एक ऐसा मंच तैयार किया जा रहा है, जिसके प्लेटफार्म पर अफसर, विशेषज्ञ, जनप्रतिधि, बिजनेसमैन, इंजीनियर, डाॅक्टर, सीए, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, आर्किटेक्ट, आम लोग एक साथ जुटेंगे। सभी मिलकर शहर में चल रहे विकास प्रोजेक्ट की योजना, इनके लागू होने की स्थिति और गति पर चर्चा करेंगे। ग्राउंड पर काम कर रही सभी एजेंसियों के बीच तालमेल का काम भी फोरम करेगा। शहर के विकास को लेकर कांफ्रेंस, वाद-विवाद में विभिन्न विषयों के विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। शहर की तरक्की के लिए फैसला लेने वाले अफसरों, नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को एक साथ जोड़ा जाएगा। विश्वविद्यालयों, गैर सरकारी संगठनों एवं अन्य डेवलपमेंट एजेंसियों को भी इस मुहिम में जोड़ा जाएगा। वर्ष 2011 में मार्गन स्टेनले रिपोर्ट में मेरठ को देश के टाॅप पांच वाईब्रेंट शहरों की सूची में मुंबई से भी आगे बताया गया था, लेकिन बाद में यह रैंकिंग शायद जागेश कुमार जैसे विकास के नाम पर अवैध निर्माण कर रहे लोगों की वजह से ही गिर गई। मेरठ सिटीजन फोरम मेरठ को देश का टाॅप वाइब्रेंट सिटी बनाने में अहम भूमिका निभाएगा। शहर में सड़कों की स्थिति और समाधान, ट्रैफिक मैनेजमेंट, स्वच्छ भारत अभियान जैसे मुद्दों पर फोरम में विस्तार से चर्चा होगी बताई गई है।
सिटीजन फोरम का गठन तो ठीक! कमिश्नर साहब! जागेश कुमार आदि के अवैध निर्माणों और कार्याें की जांच कराई जाए
– रवि कुमार विश्नोई
राष्ट्रीय अध्यक्ष – आॅल इंडिया न्यूज पेपर्स एसोसिएशन आईना
सम्पादक – दैनिक केसर खुशबू टाईम्स
MD – www.tazzakhabar.com
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