मेरठ 15 सितंबर: सरकारी स्कूल में 19 साल से शिक्षक बनकर नौकरी करने वाला मुन्नाभाई आखिरकार साइबर क्राइम सेल की पकड़ में आ गया। पुलिस ने उसे कंकरखेड़ा क्षेत्र से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया। साइबर सेल प्रभारी कर्मवीर सिंह ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी मनोज उर्फ रामअवतार सिंह निवासी जलालाबाद, मुरादनगर है।
पिछले दिनों ब्रह्मपुरी निवासी मनोज ने स्थानीय थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया था। जीआईसी मेरठ में कार्यरत शिक्षक मनोज ने अपने कागजातों पर एक अन्य युवक के द्वारा मुजफ्फरनगर के जूनियर हाईस्कूल जंधेड़ी में नौकरी की शिकायत दर्ज कराई थी। इसका पता तब चला, जब जीआईसी के मनोज को इस साल का आयकर रिटर्न पहले से ही भरने की जानकारी हुई।
मनोज ने दस्तावेज निकलवाए तो जानकारी हुई कि जंधेड़ी स्कूल में तैनात मनोज नाम के ही दूसरे शख्स ने यह आयकर रिटर्न दाखिल कराया है। साइबर सेल की जांच में जंधेड़ी के शिक्षक मनोज और जीआईसी के शिक्षक मनोज के कागजात हूबहू मिले।
पेन कार्ड अपडेट कराते ही पकड़ में आया मामला
साइबर विशेषज्ञ उमेश कुमार और कपिल कुमार ने बताया कि 19 साल पहले आरोपी रामअवतार सिंह की मुलाकात मोदीनगर के त्रिलोक से हुई थी। त्रिलोक ने मनोज नाम के व्यक्ति के समस्त कागजात रामअवतार को यह कहकर दिए थे कि उसकी मौत हो चुकी है। इसके बदले त्रिलोक ने उससे 35 हजार रुपये वसूले थे। शिक्षक भर्ती निकलीं तो रामअवतार ने मनोज के कागजातों के आधार पर नौकरी प्राप्त कर ली। खुलासा उस वक्त हुआ, जब फ्रॉड मनोज उर्फ रामअवतार ने पेन कार्ड को अपने बैंक खाते से अपडेट कराया।
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