मेरठ 24 सितंबर (प्र)। दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर मेरठ में अब युद्धस्तर पर काम चल रहा है। मेरठ में निर्माणाधीन अंडरग्राउंड सेक्शन के लिए ट्रैक बिछाने का कार्य आधे से ज्यादा पूरा हो चुका है। शहर में तीन अंडरग्राउंड स्टेशन, रैम्प आदि के साथ लगभग छह किलोमीटर लंबे इस सेक्शन में अप लाइन के लिए ट्रैक बिछाने का कार्य समाप्ति के करीब है। डाउन लाइन के लिए भी ट्रैक बिछाने का कार्य तेज गति से हो रहा है। दावा है दिसंबर तक शताब्दीनगर तक नमो भारत का संचालन हो जाएगा।
एनसीआरटीसी अधिकारियों के अनुसार मेरठ में आरआरटीएस कॉरिडोर के अंतर्गत तीन अंडरग्राउंड स्टेशन मेरठ सेंट्रल, भैंसाली और बेगमपुल तैयार किए जा रहे हैं। इनमें से मेरठ सेंट्रल और भैंसाली मेट्रो स्टेशन होंगे, जबकि बेगमपुल पर आरआरटीएस और मेट्रो दोनों ही सेवाएं उपलब्ध होंगी। दिल्ली से मेरठ की तरफ जाते हुए शहर में पहला अंडरग्राउंड स्टेशन मेरठ सेंट्रल है, जो रामलीला मैदान के पास बनाया गया है। दिल्ली रोड पर ब्रह्मपुरी मेट्रो स्टेशन के बाद रामलीला मैदान से बेगमपुल स्टेशन के बाद टैंक चौराहे तक अंडरग्राउंड सुरंग बनाई गई है। मेरठ का अंडरग्राउंड सेक्शन पहले ही दोनों ओर से एलिवेटेड वायाडक्ट के रैंप से जुड़ चुका है। अंडरग्राउंड सेक्शन के लिए तकरीबन 12 किमी (दोनों ओर) का ट्रैक बिछाया जाना है। इनमें से अप लाइन के हिस्से का ट्रैक लगभग बिछाया जा चुका है।
ट्रैक बिछाने में अपनाई जा रही विशेष तकनीक
ट्रैक बिछाने के बाद सिग्नलिंग सिस्टम और ट्रैक्शन (ओएचई) लगाने की गतिविधियां शुरू की जाएंगी। ट्रैक बिछाने में देश में पहली बार ऐसी तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। जिनसे उच्च क्षमता वाले बैलास्टलेस ट्रैक स्लैब का उत्पादन हो रहा है। इनका जीवन काल लंबा होता है और इन्हें कम रखरखाव की आवश्यकता होती है। दावा है अगले मार्च-अप्रैल तक हर हाल में मेरठ सेक्शन का सारा काम पूर्ण हो जाएगा। इससे पहले दिसंबर 2024 तक शताब्दीनगर तक नमो भारत के संचालन की तैयारी चल रही हैं।