मेरठ: इस्माईल नेशनल महिला पीजी कालेज के अर्थशास्त्र एवं गांधी अध्ययन केंद्र द्वारा राष्ट्रीय विचार गोष्ठी आयोजित की गई। ‘आधुनिक परिवेश में गांधी एवं कौशल विकास’ विषय पर परिसंवाद हुआ। दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड और चंडीगढ़ के प्रतिभागियों ने परिसंवाद में सहभागिता की। साथ ही छात्र-छात्रओं ने भी गांधी एवं कौशल विकास पर अपने विचार व्यक्त किए।
मुख्य अतिथि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय के प्रो. सुधीर शर्मा ने कहा कि गांधी जी कहते थे कि जब तक हम ग्रामीण शिल्पकला को महत्व नहीं देंगे। देश विकास नहीं कर सकता, भारत में चर्मकार, बढ़ई और बुनकरों को निम्न कार्य करने वाला माना जाता है। उन्हें और उनके काम का सम्मान नहीं किया जाता।
ऐसी स्थिति में शिल्पकारों के बच्चे उनके व्यवसाय को अपनाने में कतराने लगे हैं, और जो कला एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंच रही थी। वह खत्म हो रही है। वहीं डा. मनोज राठौड़ ने कहा कि आज दुनियां में अमेरिका की साख उसके कौशल विकास के कारण ही है। जिसका हमारे देश में पतन हो रहा हैं। यदि देश का आर्थिक विकास करना है तो कौशल विकास को बढ़ावा देना जरुरी है।
डा. अंग्रेज सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में गांधी जी होते तो वह भी फेसबुक, ईमेल और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते और देश के विकास के लिए इसे बढ़ावा देते। हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो कर रहे हैं। लेकिन सिर्फ अपने फायदे के लिए देश के विकास के लिए नहीं। लेकिन युवाओं को यह सोच बदलनी होगी। गोष्ठी में डा. अतवीर, डा. दुष्यंत सिंह लखावटी, डा. जुयाल, प्राचार्या डा. साधना सहाय और डा. नीलिमा गुप्ता भी उपस्थित रही। कार्यक्रम का संचालन डा. ममता सिंह ने किया।
srcdj