पशु मेले में अल्ट्रासाउण्ड मशीन से पशु बांझपन परीक्षण की होगी सुविधा- अनिल ढींगरा
मेरठ 16 मार्च ।जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि दिनांक 17 मार्च 2018 को ग्राम चितमाना शेरपुर विकास खण्ड परीक्षितगढ में एक दिवसीय मण्डल स्तरीय पं0 दीनदयाल उपाध्याय पषु आरोग्य षिविर/मेले का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मेले में पषुपालन विभाग द्वारा पषुपालकों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की जाएगी तथा पषुओं का परीक्षण एवं चिकित्सा भी की जाएगी। इस अवसर पर मा0 सांसद भारतेन्दु सिंह, विधायक हस्तिनापुर दिनेष खटीक एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहंेगे।
श्री ढींगरा ने बताया कि इस पषु आरोग्य मेले में एक हजार न्यूनतम पषुओं का पंजीकरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने दुग्ध विभाग, नेडा, उद्यान, मत्स्य पालन, कृषि आदि विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वह अपने-अपने विभाग की प्रदर्षनी स्टाॅल मेले में लगाकर पषुपालकों को नवीनतम विभागीय जानकारियों से अवगत करायें। जिलाधिकारी ने बताया कि इस पषु आरोग्य मेले में मेरठ मण्डल के जनपदों के प्रगतिषील पषुपालक भी प्रतिभाग करेगें जिसमें प्रत्येक जनपद के 5-5 प्रगतिषील पषु पालकों को प्रषस्ति पत्र प्रदान किया जायेगा।
जिलाधिकारी अनिल ढींगरा ने बताया कि जनपद में खुरपंका मंुहपका रोग नियंत्रण टीकाककरण अभियान (एफएमडीसीपी) का 22वां चरण आज 15 मार्च से प्रारम्भ किया गया है जिसके अन्तर्गत गोवंशीय एवं महिषवंशीय पशुओं का शत प्रतिशत निःशुल्क टीकाकरण पशुपालन विभाग की टीम द्वारा गांव स्तर पर घर-घर जाकर पषुओं का टीकाकरण करेगी। उन्होंने सभी पषुपालको से अपील की है कि वह 30 अप्रैल 2018 तक संचालित डोर-टू-डोर टीकाकरण अभियान में अपने पषुओं का टीकाकरण अवष्य करायें। मुख्य पषु चिकित्सा अधिकारी डा. ए0 के0 सिंह ने बताया कि 17 मार्च 2017 को आयोजित पषु आरोग्य षिविर/मेला में प्रातः 08.00 बजे से पषुओं का पंजीकरण प्रारम्भ होगा। उन्होंने बताया कि पषु आरोग्य मेले में पषु विषेषज्ञों द्वारा पशु चिकित्सा, शल्य चिकित्सा, पशु बांझपन चिकित्सा, कृत्रिम गर्भाधान, बधियाकरण, सामूहिक दवापान, अल्ट्रसाउन्ड मशीन से जांच, पशु शल्य चिकित्सा आदि कार्य निःषुल्क कराये जायेंगे। उन्होंने बताया कि पशु मेले में पशुपालक गोष्ठी भी आयोजित होगी जिसमें, पशु पोषण, संक्रामक रोग एवं उनके बचाव, कृत्रिम गर्भाधान द्वारा आवारा पशुओं की समस्या समाधान हेतु सैक्स्ड सीमन प्रयोग तकनीक, मेटाबाॅलिक बीमारियां, जूनोटिक बीमारियां, अपौष्टिक चारे को पौष्टिक बनाने की विधि, नवीन शल्य चिकित्सा आदि के सम्बंध में विस्तार से पशु विशेषज्ञों द्वारा पशु पालकों को बारीकी से जानकारी उपलब्ध करायी जायेंगी।