मेरठ : 5000 घूस लेने वाले थानेदार गेंदालाल कुरील को एंटी करप्शन कोर्ट ने चार साल कैद की सजा सुनाई। थानेदार ने यह घूस मारपीट की रिपोर्ट दर्ज करने के लिए ली थी। आरोपी पर कोर्ट ने 20 हजार का अर्थदंड लगाया है। इस मामले में अदालत का करीब 14 साल बाद अहम फैसला आया है।
मामला बागपत जिले के बिनौली थाना अंतर्गत गांवल खेड़ा गांव का है। 27 अक्तूबर 2004 को रामेश्वर दयाल से उसके परिवार के भाइयों व अन्य लोगों ने मारपीट की थी। रामेश्वर दयाल फिलहाल नई दिल्ली के वेस्ट संगारपुर स्थित मोहन ब्लॉक में रहते हैं। जमीन को लेकर उनका पारिवारिक विवाद चल रहा था।
रामेश्वर दयाल के मुताबिक, बिनौली थानेदार गेंदालाल कुरील ने मारपीट का मुकदमा दर्ज करने के लिए 12 हजार रुपये की घूस मांगी। रुपये देने से इनकार करने पर थानेदार ने पीड़ित को ही उल्टा जेल भेजने की धमकी दे डाली।पीड़ित रामेश्वर ने पांच हजार रुपये देकर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके बाद थानेदार ने फिर पांच हजार रुपये मांगे तो पीड़ित रामेश्वर ने उप्र सतर्कता अधिष्ठान (विजिलेंस) से इसकी शिकायत कर दी थी।
विजिलेंस टीम ने थानेदार गेंदालाल कुरील को 5,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। मामले की सुनवाई मेरठ स्थित एंटी करप्शन court में चल रही थी। सरकारी अधिवक्ता देवकीनंदन शर्मा ने मामले में अनेक गवाह पेश किए। गवाही और बयानों के आधार पर मंगलवार को एंटी करप्शन court के स्पेशल जज ने गेंदालाल कुरील को दोषी पाते हुए चार साल कैद की सजा सुनाई है। गेंदालाल कुरील कानपुर देहात अंतर्गत थाना डेरापुर के ग्राम खजूरा का रहने वाला है।