Tuesday, February 11

ट्रैक्टर के साथ ट्रालियों व ट्रेलरों का भी कराना होगा पंजीकरण

Pinterest LinkedIn Tumblr +

लखनऊ 21 जनवरी। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार अब बिना पंजीकरण के सड़कों पर दौड़ने वाले ट्रैक्टर-ट्रॉलियों को लेकर सख्त हो गई है. अब से ट्रैक्टर के साथ उसकी ट्रालियों और ट्रेलरों का पंजीकरण कराना भी जरूरी होगा. हर ट्रॉली और ट्रेलर पर उसका चार अंकों का पंजीकरण नंबर लिखा होगा. इसके साथ ही उस पर 17 अंकों का चेसिस नंबर पर भी दर्ज किया जाएगा. जिससे उसके मालिक की पहचान आसानी से हो सकेगी.

यूपी सरकार ने ये फैसला ट्रैक्टर ट्रॉली से होने वाली सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उठाया गया है. शासन ने ट्रैक्टर, ट्रॉली और ट्रेलर के पंजीयन और निर्माण में सड़क सुरक्षा के मानकों को शामिल करते हुए नई मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी जारी कर दी है. सड़क सुरक्षा मानकों को पूरा किए बिना अब ट्रालियां सड़कों पर दौड़ नहीं सकेंगी. ट्रॉली के निर्माण के समय है निर्माता कंपनी को मानकों को पालन करना होगा. मानकों पर खरा उतरने के बाद ही उसका रजिस्ट्रेशन किया जाएगा.

एसओपी के मुताबिक़ ट्रेलर व ट्रॉली निर्माण में कई बातों का ध्यान रखना होगा. इनमें रिया व साइड अंडर प्रोटेक्शन डिवाइस, बैक लाइट फिटिंग और बैक लाइट के कनेक्शन की व्यवस्था ट्रैक्टर से की जाएगी. निर्माता कंपनी को एक कोड निर्धारित किया जाएगा, जिसके आधार पर उसके शहर, चेसिस नंबर और निर्माण साल का पता चल सकेगा.

ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टेंडर्ड 112 के मानकों के तहत चार मॉडल का जिक्र किया गया है. जिसमें R1, R2, R3 और R4 शामिल हैं. इनमें तीन मॉडल R2, R3 और R4 का रजिस्ट्रेशन कृषि के लिए किया जाएगा. अब किसी भी मॉडल की ट्रॉली में एक एक्सल नहीं बल्कि दो एक्सल होना जरूरी है. R2, R3 में टायरों की संख्या चार और R4 मॉडल में आठ टायर लगाए जाएंगे. R2 ट्रॉली की अधिकतम चौड़ाई दो मीटर होगी और R3 व R4 मॉडल की अधिकतम चौड़ाई 2.5 मीटर होगी.

इस समय सड़कों पर तीन प्रकार की बॉडी के ट्रेलर चल रहे हैं. इनमें एक खुली बॉडी, दूसरा पानी का टैंकर और तीसरा प्लेटफॉर्म वाला ट्रेलर शामिल हैं. इन सभी ट्रेलरों के लिए निर्माता कंपनी को एसओपी जारी की गई है.

Share.

About Author

Leave A Reply