Thursday, January 30

अंसल के आवंटियों को राहत, होगी रजिस्ट्री

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मेरठ 21 जनवरी (प्र)। राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 स्थित वेदव्यासपुरी कॉलोनी में मैसर्स अंसल लैंडमार्क टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित की गई सुशांत सिटी कॉलोनी के 300 से ज्यादा आवंटियों को बड़ी राहत मिलने जा रही है। मेरठ विकास प्राधिकरण ने बोर्ड बैठक में प्रस्ताव पास करने और शासन से हरी झंडी मिलने के बाद उन सभी आवंटियों की रजिस्ट्री करने का निर्णय लिया है, जिनकी रजिस्ट्री मेडा और कॉलोनाइजर के बीच चल रहे विवाद के चलते नहीं हो पा रही थी। ऐसे आवंटी जो प्राधिकरण के पक्ष में सभी तरह का शुल्क जमा करने के पक्षधर होंगे, उनकी रजिस्ट्री हो जाएगी।

एनएच 58 पर मैसर्स असल लैंडमार्क टाउनशिप प्रा.लि. की ओर से वेदव्यासपुरी कॉलोनी में विकसित की गई सुशांत सिटी के आवंटियों को मेड़ा ने बड़ी राहत दी है। निर्माणकर्ता कंपनी पर मेडा ने 16 करोड़ 41 लाख रुपये का सरचार्ज लगाया था। धनराशि जमा करने पर जिलाधिकारी ने आरसी भी जारी कर दी थी। मामला न्यायालय में पहुंचा इसके बाद से आवंटियों की परेशानी बढ़ गई थी।

धनराशि न मिलने पर मेडा इन आवटियों के पक्ष में रजिस्ट्री नहीं कर रहा था। अब मेडा निर्माणकर्ता कंपनी पर बकाया धनराशि को आवंटियों से वसूलेगा। इसके तहत गणना की गई, जिसके तहत 1431 रुपये प्रति वर्ग मीटर आवंटी को देने होंगे, जिसके बाद उनके पक्ष में रजिस्ट्री हो सकेगी। शासन ने इसे मंजूरी दे दी है। आवंटियों के लिए सहमति पत्र प्राधिकरण की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं।

मेरठ विकास प्राधिकरण (मेडा) की वेदव्यास परियोजना में मैसर्स अंसल लैंडमार्क टाउनशिप प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2005 में 300 एकड़ भूमि बल्क में दी गई थी। सेक्टर 3 में ग्रुप हाउसिंग, सेक्टर 5, सेक्टर 7 तथा सेक्टर 4 ए में पैमाइश के बाद भूमि करीब 270 एकड़ मिली।

27 मई 2019 को प्रमुख सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की अध्यक्षता में हुई बैठक में ऑडिट आपत्ति के निस्तारण को 10 प्रतिशत अधिभार ( सरचार्ज) के तौर पर 16 करोड़ 41 लाख 54 हजार 94 हजार की देयता कंपनी को नोटिस जारी किया गया था। देवता को लेकर उच्च न्यायालय में भी मामला पहुंचा।

बिना भुगतान मेडा ने रजिस्ट्री पर रोक लगा दी थी, जिससे योजना के 400 आवंटी रजिस्ट्री के लिए परेशान थे। जिला प्रशासन से लेकर शासन तक बीच का रास्ता निकालने को लगातार आवंटी मांग कर रहे थे। मेडा ने 26 दिसंबर की बोर्ड बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे शासन ने मंजूरी दे दी है।

मेडा उपाध्यक्ष अभिषेक पांडेय का कहना है कि सेक्टर 4ए की कुल भूमि 250276 वर्ग मोटर के सापेक्ष विक्रय योग्य भूमि पर देयता धनराशि लागू की गई। निर्माणकर्ता कंपनी की ओर से भुगतान न करने पर अब आवंटियों से ही उनके हिस्से का बकाया लिया जाएगा। कमेटी की ओर से गणना की गई है जिसके तहत प्रति वर्ग मीटर 1431 रुपए आवंटी को देना होगा, इसके बाद आवंटियों के पक्ष में रजिस्ट्री कर दी जाएगी। सहमति पत्र भी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं।

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