मेरठ 28 दिसंबर। लोहियानगर, वेदव्यासपुरी व गंगानगर के किसान शताब्दीनगर के तर्ज पर अतिरिक्त प्रतिकर के मांग को लेकर किसानों का गुस्सा धीरे धीरे तूल पकड़ता दिख रहा है। एमडीए में अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ किसानों ने आज तो सारी हदें ही पार कर दी।
ग्लूकोज लगे एक मरीज को लेकर ही धरने पर पहुंच गए और दोपहर का खाना परिसर में ही तैयार कर सभी को परोसा गया। बताते चले कि गत दिवस की देर शाम तक एमडीए अधिकारियों व किसानों के बीच कोई वार्ता नहीं हो सकी। इसे आहत हुए संयुक्त किसान संघर्ष समिति के बैनर तले तीनों योजनाओं से जुड़े सैकड़ों किसानों ने ठान ली कि अब तो अपनी मांग को पूरा कराकर ही इस धरने को समाप्त किया जाएगा। इसके लिये उन्हे चाहे कितने ही परेशानियों का सामना क्यों न करना पड़े।
संघर्ष समिति के महामंत्री हरविंद्र सिंह ने कहा कि 25 मई 2015 को तत्कालीन जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने तीनों योजनाओं के किसानों की मांग को जायज ठहराते हुए शताब्दीनगर योजना की भांति समान प्रतिकर देने की संस्तुति की थी। उस संस्तुति को प्राधिकरण बोर्ड ने परिचालन प्रस्ताव के माध्यम से 10 नवंबर 2015 को स्वीकृति प्रदान की।उनका कहना है कि तब से लेकर आज तक प्राधिकरण किसी न किसी बहाने से टरकाता रहता है।