कमिश्नर साहब, जरूरी है शहीद स्मारक का सौंदर्यकरण : एमडीए के अफसर और क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी द्वारा कराए जाने वाले कार्याें पर रखी जाए नजर

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मेरठ 21 नवंबर। अभी तक केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय की ओर से बीते वर्ष तीन करोड़ 12 लाख रूपये शहीद स्मारक के रख रखाव तथा सौंदर्यकरण के लिये मिले थे। जिसमे जीएसटी का पेंच फंस जाने की वजह से अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया था। अब यह मामला सुलझ गया है। इसलिये यह काम भी अब शुरू हुआ। केंद्रीय पर्यटन मंत्री डा. महेश शर्मा के प्रयासों से बताया जा रहा है कि यह पैसा मिला है। अब वेसकाॅस कंपनी बनाएगी प्रोजेक्ट प्लान और कार्यदायी संस्था के रूप में इसमे काम करेगी। दिसंबर में एमडीए के वीसी साहब सिंह क्षेत्र के पर्यटन अधिकारी के साथ बैठक कर इसकी योजना तैयार करेंगे। जिसमे लैंडस्केपिंग लाईट एंड साउंड, सोलर लाईट बैंक आदि लगाई जाएगी तथा सुरक्षा के लिये सीसीटीवी कैमरे भी लगाए जाएंगे। बीते दिनों शहीद स्मारक के रख रखाव के लिये 20 लाख रूपये निर्धारित किये गए और इसकी जिम्मेदारी एमडीए को सौंपी गई।
देश की आजादी के लिये शहीद हुए वीरों और उस दौरान संघर्ष करने वालों की याद और बच्चों के लिये उन्हे प्रेरणा स्त्रोत बनाने हेतु यह प्रयास डा प्रभात कुमार जी का सराहनीय हैं ।
मगर यह भी ध्यान रखना होगा कि जो पैसा मिल रहा है उससे स्थाई सौंदर्यकरण की व्यवस्था हों। और उक्त रूपया इसमे लगाया गया हेै। वो दिखाई भी देना चाहिये। तथा पैसे का सही उपयोग हो रहा है या नहीं इसके लिये कमिश्नर साहब किसी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी के संचालन में एक कमेटी भी गठित की जाए जो यह देखे कि जो सामान खरीदा ओर लगाया जा रहा है और जितना काम कराया जा रहा है वो गुणवत्ता युक्त है या नहीं और रूपये का माल दस रूपये में तो खरीदा नहीं जा रहा। अथवा फर्जी बिलिंग तो नहीं की जा रही। वर्तमान में उप्र के चीफ सेके्रटरी राजीव कुमार साहब जब मेरठ मंडल के कमिश्नर थे और संजय अग्रवाल डीएम तब देहलीरोड स्थित शहीद स्मारक बहुत ही अच्छा सौंदर्यकरण कराया गया था और उसके रख रखाव की जिम्मेदारी भी सरकारी विभाग को सौंपी गई थी। इस दौरान एक बड़े और भव्य समारोह में स्वतंत्रता सैनानियों का सम्मान भी किया गया था। सवाल यह उठता है कि जब उस समय उसका सौंदर्यकरण कराया गया था तो रख रखाव क्यों नहीं हुआ। और जिम्मेदार संस्था ने क्या किया। यह दिखवाकर उसको जवाबदेही तय की जानी चाहिये।
कमिश्नर साहब एमडीए द्वारा शहर के सुनियोजित विकास और सौंदर्यकरण का अपना काम ही संतोषजनक तरीके से नहीं किया जा रहा है। आए दिन इस विभाग में घोटाले विभिन्न स्तर पर खुलकर सामने आ रहे है। पिछले दिनों कुछ अधिकारियों को जेल भिजवाया गया ऐसे मंे और भी जरूरी हो जाता है कि सौंदर्यकरण की हर गतिविधियों पर पूर्ण नजर रखी जाए। रही बात क्षेत्र के पर्यटन अधिकारी की तो जहां तक दिखाई दे रहा है वो सिर्फ नाम के पर्यटन अधिकारी ही बनकर रह गए हैं। क्योंकि या तो उन्होंने अपनी नियुक्ति के बाद से अभी तक अपने कार्य क्षेत्र में आने वाला कोई काम ऐसा प्रभावी रूप से नहीं किया जिसका उल्लेख हो सकें। इतना ही नहीं अपने विभाग से संबंध कार्याें और अपने क्षेत्र में आने वाले एतिहासिक स्थलों की स्थिति के बारे में भी ओरों की बात छोडो पत्रकारों को भी बुलाकर कोई जानकारी नहीं दी। हां कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के आगे पीछे घूमकर अपनी हाजरी जहां तक दिखाई देता है इनके द्वारा दर्शायी जाती रही यह काम किसी उपलब्धि में नहीं गिना जा सकता। हां व्यक्तिगत कुछ लाभ पूरे होते हो वो बात ओर है।
मंडलायुक्त जी कुल मिलाकर कहने का मतलब यह हैै कि शहीद स्मारक जो जनता की भावनाएं जुडी है। और यह हमारे लिये पे्ररणा स्त्रोत भी है। इसलिये इसका सुधार और सौंदर्यकरण का काम क्षेत्र के पर्यटन व एमडीए के अधिकारी ईमानदारी से पूर्ण कराए। इसके लिये आपको कोई व्यवस्था करनी ही होगी।

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