मेरठ 20 नवंबर। एक बीमार गाय जिसकी बीमारी का इलाज बरेली के इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट में संभव था, सिर्फ इस डर से वहां तक नहीं ले जायी जा रही थी कि रास्ते में गौ रक्षा के नाम पर गुंडागर्दी न हो और ले जाने वालों के साथ मारपीट न कर दी जाए। गाय को बचाने में जुटे लोग उसे बरेली पहुंचाने के लिए मेरठ के अधिकारियों से लेकर लखनऊ तक अपनी आवाज पहुंचा रहे थे। पुलिस-प्रशासन की उदासीनता और गाय की बिगड़ती हालत की खबर प्रकाशित होने के बाद खुद कप्तान मंजिल सैनी गाय को देखने पहुंची और डीसीएम की व्यवस्था कराकर पुलिसकर्मियों के साथ गाय को बरेली के लिए रवाना किया।
गांव लाला मोहम्मदपुर निवासी ज्योति की गाय करीब दो महीने से बीमार थी। ज्योति ने गाय का निजी व सरकारी पशु चिकित्सकों से चेकअप कराया। रिपोर्ट में आया कि गाय के पैरों के ज्वाइंट में खराबी है, जिसके चलते गाय खड़ी नहीं हो पा रही थी। मेरठ के चिकित्सकों ने गाय को बरेली के इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट के लिए रेफर कर दिया था।
ज्योति को डर था कि गाय को ले जाते समय रास्ते में हिंदू संगठन के लोग पकड़ सकते हैं, उनके साथ मारपीट भी हो सकती है। ज्योति इस खबर को सीएम कार्यालय को भी ट्वीट भी कर दिया। सीएम योगी गत शनिवार को मेरठ में ही थे, लिहाजा सुनवाई भी त्वरित हुई।