मेरठ 23 दिसंबर। मेरठ पुलिस भले ही सपा नेता पर शिकंजा कसने की बात कह रही हो, लेकिन घेराबंदी के तमाम दावे खोखले हैं। अतुल प्रधान के पुराने मुकदमों का हवाला देकर पुलिस एक ओर घेराबंदी में लगी है, वहीं दूसरी ओर नगरायुक्त से मारपीट के मामले में मुकदमा वापसी की तैयारी की जा रही है। इस प्रकरण में रिपोर्ट भी लगाई जा चुकी है और फाइल कोर्ट में भेजी जा चुकी है। इससे पहले भी सपा सरकार में अतुल प्रधान पर दर्ज कई मुकदमों को इसी तरह से वापस कराया जा चुका है। पुलिस भले ही अतुल प्रधान को घेरने में लगी हो, लेकिन एक पुराने मामले में अतुल के खिलाफ दर्ज मुकदमा वापसी की तैयारी की जा रही है। दरअसल, 22 मई 2007 को नगर आयुक्त आवास पर कुछ पार्षद, नगर निगम अधिकारी और नगर आयुक्त मौजूद थे। इस दौरान अतुल प्रधान, सुरेंद्र भड़ाना, नरेंद्र सिंह, अनिल गुर्जर, सुशील गुर्जर ने नगर आयुक्त से हाथापाई की थी। हथियारों के बल पर धमकी दी गई थी। इस प्रकरण में सिविल लाइन थाने में बलवे, गाली गलौच, मारपीट और कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसी प्रकरण में अतुल प्रधान से कार्यालय संयुक्त निदेशक अभियोजन की ओर से मेरठ प्रशासन को एक पत्र 13 फरवरी 2015 को भेजा गया था। इस मामले में अतुल प्रधान के खिलाफ दर्ज तीन मुकदमों 323/2007 और 461/2008 और 329/2010 को वापस लेने के संबंध में रिपोर्ट मांगी गई। सभी अभियोग वर्तमान में कोर्ट में हैं और सुनवाई चल रही है। इस संबंध में शासन को रिपोर्ट 16 अगस्त 2016 को भेजी गई थी। इसके बाद एक रिपोर्ट इसी प्रकरण में कुछ दिन पूर्व कोर्ट में भेजी गई है। इस रिपोर्ट में अतुल प्रधान पर दर्ज वाद 323/2007 को वापस लेने पर सहमति भी जताई गई है। ऐसे में संभावना है कि जल्द ही मुकदमा वापस हो जाएगा।
सपा नेता अतुल प्रधान से मुकदमा वापसी की तैयारी
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