मेरठ 6 अप्रैल। वेस्ट यूपी में दोबारा हिंसा भड़काने के लिए दलित नेताओं और डा. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को निशाना बनाया जा सकता है। पुलिस के पास पहुंची इंटेलीजेंस की रिपोर्ट से ये खुलासा हुआ है। दलित आंदोलन के बाद से ये खतरा बढ़ गया है। अभी 14 अप्रैल को डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती है और इसे लेकर पूरे वेस्ट यूपी में अलर्ट जारी किया गया है। एडीजी ने इस मामले में जोन के सभी एसएसपी/एसपी को निर्देश जारी कर सुरक्षा बढ़ाने के लिए कहा है। साथ ही स्थानीय लोगों से भी पुलिस संपर्क साधने में लगी है। बसपा और उनके समर्थित दलों ने एससी-एसटी एक्ट को लेकर दो अप्रैल को पूरे भारत में बंद का ऐलान किया था। इस दौरान वेस्ट यूपी समेत पूरे देश में कई जगहों पर आगजनी और हिंसा की घटनाएं हुई थी।
वेस्ट यूपी में सबसे ज्यादा प्रभावित मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़, आगरा प्रभावित हुए थे। कई लोगों की मौत हुई और दर्जनों लोग घायल हुए थे। पुलिस ने हजारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और सैकड़ों की गिरफ्तारी की। अब स्थिति पटरी पर लौटने लगी तो इंटलीजेंस की रिपोर्ट ने पुलिस-प्रशासन और शासन की दोबारा नींद उड़ा दी है। रिपोर्ट मिली है कि दलित नेताओं और डा. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों को निशाना बनाकर दोबारा हिंसा भड़काने की साजिश की जा रही है। आशंका जताई गई है कि कुछ लोग बवाल कराने के लिए ऐसा कर सकते हैं। ऐसे में एडीजी मेरठ प्रशांत कुमार की ओर से वेस्ट यूपी में पुलिस अधिकारियों को अलर्ट पर रखने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने सभी जिलों के एसएसपी/एसपी को निर्देश दिया है कि जिले में दलित नेताओं और डा. भीमराव अंबेडकर की मूर्तियों की संख्या और लोकेशन थानावार पता कराए।