Monday, December 23

कारखास और वसूली की शिकायतों पर 37 पुलिस कर्मी लाइन हाजिर

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मेरठ 18 जून (प्र)। तमाम शिकायतों के चलते जनपद के अलग-अलग थानों में तैनात 37 सिपाहियों को थाने से हटाकर पुलिस लाइन भेज दिया गया है। इस कार्रवाई से जनपद भर में हड़कंप मचा हुआ है। एसएसपी रोहित सजवाण की इस बड़ी कार्रवाई के बाद लापरवाह और दागी पुलिसकर्मियों की नींद उड़ी हुई है. इन सभी पुलिस कर्मियों को थाने से लाइन हाजिर कर दिया गया है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिर सकती है. जिन पुलिसकर्मियों को लाइन हाज़िर किया गया है इनमें तीन महिला पुलिस कर्मी भी शामिल हैं.

जिनको थानों से लाइन भेजा गया है। उनमें गंगानगर थाना के बिद्दू अली खान, नीतू, चालक शील कुमार, थाना इंचौली के रोबिन, सीओ सदर देहात पेशी से शीतल, सरधना थाना से अरुण तरार व नवीन वशिष्ठ, सरूरपुर से अरुण कुमार व नवीन पाठक, जानी थाना से हरिओम सिंह, अनीश व दीपक कुमार के अलावा इसी थाने की मीनू कुमार को भी पुलिस लाइन भेजा गया है।

थाना लिसाड़ीगेट से विपिन कुमार, अरुण कुमार, मोहित कुमार, थाना देहलीगेट अभिषेक कुमार, लोहिया नगर राजीव मलिक, रिंकू नागर व अभिमन्यु तथा सुनील, किठौर से योगेन्द्र पंवार, बिजेन्द्र सोलंकी, प्रवीण यादव, खरखौदा से विक्रम सिंह व सविता, मुंडाली से ब्रह्मपाल व गौरव, टीपीनगर थाना अनुज कुमार, ब्रह्मपुरी थाना के अनुज कुमार, जितेन्द्र तालान व पूजा, परतापुर थाना सफीक सैफी, शिवम सिंह व आरती और थाना हस्तिनापुर से मुकेश गुर्जर को पुलिस लाइन भेजा गया है।

आधा दर्जन थानेदार एसएसपी के रडार पर
जनपद के अलग-अलग थानों के 37 सिपाहियों को लाइन भेजने के बाद अगली बारी थानेदारों की है। बताया जाता है कि करीब आधा दर्जन थानेदार ऐसे हैं जिनकी आउटपुट असंतोषजनक है। ऐसे थानेदारों की छुट्टी तय है। इसके अलावा इंस्पेक्टर वाले जिन थानों का चार्ज उपनिरीक्षकों को दिया गया है, वहां भी उपनिरीक्षकों को हटाकर इंस्पेक्टरों को चार्ज दिया जा सकता है। इसके अलावा जिनका थाने में एक साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है उनका रिपोर्ट कार्ड पढ़ा जाएगा। रिपोर्ट कार्ड के आधार पर ही तय किया जाएगा कि उनको बनाए रखना है या फिर चलता कर दिया जाना है।

पिछले कुछ समय से जिन थानेदारों के यहां अपराधों का ग्राफ एकाएक तेजी से ऊपर की ओर गया उन पर भी गाज तय मानी जा रही है। हालांकि कुछ थानेदार ऐसे भी बताए जाते हैं जिन्हें कुर्सी के खिसकने की संभवत: आहट सुनाई दे गई थी और उसके बाद उन्होंने ताबड़तोड़ गुडवर्क कर हिलती नजर आ रही कुर्सी को काफी हद तक संभाले रखने का प्रयास किया है, हालांकि जब तक गश्ती जारी नहीं हो जाती तब कुछ कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। एक साल की मियाद वालों की भी आउटपुट चैक की जा रही है।

दरअसल बदलाव की एक बड़ी वजह पिछले दिनों सीएम योगी द्वारा ली गयी समीक्षा बैठक की शुरूआत मेरठ से किए जाने और वो भी कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर किए जाने के बाद मेरठ स्थानीय स्तर पर बड़े बदलाव के संकेत मिलने लगे थे। दरअसल, इंतजार बकरीद के पर्व के निपटने का किया जा रहा था। उम्मीद की जानी चाहिए कि किसी भी वक्त जो कुछ चेंज किया जाएगा वो सामने आ सकता है।

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