Monday, December 23

कांवड़ियों की सेवा के दौरान निसंतान दंपत्ति को मिली लावारिस बच्ची, नाम रखा पार्वती

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मेरठ, 03 अगस्त (प्र)। मेरठ में कांवड़ सेवा शिविर में शिवभक्तों की सेवा करते-करते एक निसंतान दंपत्ति को लावारिस बच्ची मिली है। बच्ची कूड़े के ढेर पर मिली। बच्ची के ऊपर मक्खी, मच्छर भिनक रहे थे। शिविर में सेवा कर रहे दंपत्ति ने बच्ची के रोने की आवाज सुनकर उसे उठाया और घर ले आए। आज दंपत्ति बच्ची को लेकर समाधान दिवस में पहुंचे। जहां सीओ सौरभ सिंह ने बच्ची को लीगली अडॉप्ट करने की जानकारी दी। दंपत्ति को बच्ची की सुरक्षा करने पर सराहा। सीओ ने कहा कि चाइल्ड लाइन को बच्ची की जानकारी दे दी है।

हस्तिनापुर थानाक्षेत्र के गांव राठौरा खुर्द में रहने वाले विजयपाल आज समाधान दिवस में मवाना में पहुंचे। विजयपाल सैनी ने बताया कि पिछले 7 दिनों से वो यहीं इलाके में कांवड़ सेवा शिविर में पत्नी राधा के साथ शिवभक्तों की सेवा कर रहे हैं। बताया कि 28 जुलाई को शिविर से घर लौटते वक्त उसे कचरे के ढेर में बच्चे के रोने की आवाज आई।

पति-पत्नी ने आवाज की तरफ जाकर देखा वहां लगभग एक साल की बच्ची लावारिस पड़ी थी। बच्ची रो रही थी। उसके ऊपर मक्खी लग रही थी। विजयपाल उसकी पत्नी ने काफी आवाज लगाई किसी का बच्चा खो गया है तो ले जाएं। लेकिन कोई नहीं आया। तब दोनों ने बच्ची को उठाया और साथ ले गए। कांवड़ शिविर मे दोनों ने माइक से अनाउंसमेंट कराया ताकि बच्ची जिसकी हो ले जाए। जब कोई नहीं आया तो विजयपाल बच्ची को अपने साथ ले आए।

विजयपाल ने कहा कि हमारी शादी को 15 साल हो चुके हैं। कोई बच्चा नहीं है। हमें लगा कि ये भोलेनाथ का प्रसाद है। जो हमें शिव की सेवा के दौरान ये बच्ची मिली है। दोनों ने बच्ची का नाम पार्वती रख दिया। दोनों पिछली 28 तारीख से बच्ची को अपने घर में रखकर पाल रहे हैं। बच्ची के असली माता, पिता को तलाशा लेकिन कोई नहीं आया।

आज समाधान दिवस में विजयपाल ने बच्ची को गोद लेने की बात कही। साथ ही पुलिस के सामने सारा वाकया बताया। सीओ सौरभ सिंह ने विजयपाल को इस कार्य के लिए सराहा। साथ ही बाल कल्याण समिति को बच्ची की जानकारी दी है। ताकि बच्ची आधिकारिक तौर पर गोद दी जा सके। सीओ का कहना है कि विजयपाल, उसकी पत्नी ने बच्ची को सुरक्षित अच्छे से रखा। यह मानवीय पहल है। उनके कोई संतान नहीं है इसलिए प्रयास रहेगा कि कारा की गाइडलाइन के अनुसार ऑफिशियली बच्ची उनको गोद मिल जाए। विजयपाल मजदूरी करता है। विजयपाल कहते हैं हमें तो बच्चों को खिलाने की उम्मीद ही नहीं थी। अब शिवशंभू की कृपा से ये बच्ची मिली है। कोशिश है कि बच्ची गोद मिल जाए।

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