Thursday, November 21

क्या सीएम की ग्रिड योजना के तहत नगर निगम बना पाएगा मजबूत सड़क, डीएम की अध्यक्षता में बनी समिति को सौंपी जाए निगरानी

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गांधी आश्रम से तेजगढ़ी चौराहे तक बनने वाली सड़क का शिलान्यास बीते दिवस मेयर हरिकांत अहलूवालिया राज्यमंत्री डॉ. सोमेंद्र तोमर नगरायुक्त डॉ. अमित पाल शर्मा की उपस्थिति में हुआ। मुख्यमंत्री ग्रिड योजना की इस पहली सड़क का शिलान्यास तो हुआ अब 48 करोड़ की लागत से 2.150 किमी सड़क का निर्माण किया जाएगा। इस योजना में छह सड़कों के सौंदर्यीकरण और निर्माण का प्रस्ताव बताया गया है। फिलहाल सड़क का चौड़ीकरण यूटीलिटी शिफिटंग ग्रीन रोड का शिलान्यास बताते हैं कि प्रदेश में शुरू होने वाली इस योजनाओं को यहां नगर निगम ने पहले शुरू किया और इस मौके पर पूजा पाठ भी कराई गई। बताते हैं कि अगले माह यह कार्य शुरू होगा और 15 माह में पूरा किया जाएगा। लेकिन जिस कंपनी को यह ठेका दिया गया एक खबर के अनुसार उसके मालिक गुरमीत सिंह का कहना है कि अभी सिर्फ टेंडर हुआ है काम क्या होना है यह उन्हें नहीं पता क्योंकि अभी ड्राइंग भी उन्हें उपलब्ध नहीं कराई गई है। शुभारंभ के उपरांत ही वरिष्ठ व्यापारी नेता विपुल सिंघल ने कहा कि अभी तक खोखे शिफट करने की योजना नहीं बताई गई है लेकिन गांधी आश्रम से तेजगढ़ी रंगोली मंडप से हापुड़ अडडे तक बेगमपुल से बच्चा पार्क सर्किट हाउस से विक्टोरिया पार्क होते हुए जेलचुंगी तक कमिश्नरी से जेलचुंगी तक सड़क का निर्माण होने की बात कही जा रही है और इस दौरान फर्राटदार सड़क के दोनों ओर बेहतर ड्रेनेज सिस्टम अंडरपास होगी बिजली लाइन डिवाइडर पर हरियाली माइनर ब्रिज फुटपाथ का होगा निर्माण अगर देखे तो उक्त योजना से भले ही शहर की टूटी सड़केें सही होने का मार्ग प्रशस्त ना होता हो मगर फिलहाल जो यह सपना सड़कों के सुधार और हरियाली का हम देख रहे हैं अगर वो पूरा हो जाता है तो इससे संबंध सभी लोगों का आभार। नागरिक पूर्व में ही देंगे लेकिन टेंडर हो जाने तक ठेकेदार को यह पता ना होना कि क्या काम होना है और उसे डाइंग ना मिलना और व्यापारियों को इससे क्या फायदे नुकसान होंगे इसकी जानकारी ना दिया जाने से यह लगता है कि कहीं पूर्व में जो स्मार्ट सिटी और सौंदर्यीकरण एवं स्वच्छता के हसीन सपने नगर निगम दिखाता रहा है कहीं ऐसा हाल इस योजना का ना हो। निर्माणकर्ताओं का कहना है कि सवा साल में बन जाएंगी बंगुलुरू जैसी सड़कें सुनने और कल्पना करने में बहुत अच्छा लग रहा है लेकिन सीएम की घोषणा कि अब जो सड़कें बने वो पांच और 20 साल की गारंटी वाली हो और टूटफूट की जिम्मेदारी निर्माणकर्ता एजेंसी की होगी को देखकर यह कहा जा सकता है कि कैंट बोर्ड नगर निगम आवास विकास विकास प्राधिकरण और निर्माण विभाग द्वारा जो पिछले एक दो वर्षो में सड़कें बनवाई गई है वो अब किस स्थिति में है उन्हें दिखवाकर निर्माणकर्ताओं से सुधरवाया जाए क्योंकि कुछ माह पूर्व बनी सड़कें पहली बारिश में ही दुर्दशा का इतिहास दिखाने लगी है क्योंकि कंपनी बाग से पीएसी तक बनाई गई सड़क उखड़ने और बैठने लगी है। इस ओर ध्यान दिलाने का उददेशय सीएम की ग्रिड योजना के तहत जो यह सड़कंे बनेगी इनका यह हाल भविष्य में ना हो इसका ध्यान जरूर रखा जाना चाहिए और क्योंकि अभी नगर निगम द्वारा जो कार्य कराएं जा रहे हैं उनकी जो स्थिति सामने आ रही है उसे देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि यह जो दावे किए जा रहे हैं काम उस स्तर का हो पाएगा। इसलिए इन सड़कों पर जो खर्च होना है उसकी निगरानी जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बनी किसी समिति को सोैंपी जाए क्योंकि इन योजनाओं से नागरिकों का रिश्ता जुड़ा है।
(प्रस्तुतिः संपादक रवि कुमार बिश्नोई दैनिक केसर खुशबू टाइम्स मेरठ)

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