मेरठ 19 जून (प्र)। सोहराब गेट डिपो रोडवेज बस अड्डे को एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने के लिए पेड़ों का कटान शुरू हो गया है बस अड्डा परिसर से 60 से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा। इसके बाद बस अड्डे का निर्माण कार्य शुरू होगा। माना जा रहा है कि 2026 तक बस अड्डा भव्य रूप में दिखाई देगा। बस अड्डा निर्माण होने तक सोहराबगेट डिपो की सभी बसें लोहियानगर से संचालित होंगी।
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम ने उप्र के 23 बस अड्डों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत एयरपोर्ट की तर्ज पर विकसित करने का निर्णय लिया हुआ है। इनमें मेरठ का सोहराब गेट डिपो बस अड्डा भी शामिल है। इस बस अड्डे को एयरपोर्ट की तरह विकसित करने के लिए 60 करोड़ से अधिक बजट खर्च होगा। शासन स्तर से पिछले दिनों कंपनी का चयन किया गया।
बताया जा रहा है कि बोर्ड की स्वीकृति के बाद बस अड्डे का नक्शा मेरठ विकास प्राधिकरण से पास कराने की प्रक्रिया भी चल रही है। 60 से अधिक पेड़ों की चढ़ेगी भेंट बस अड्डा परिसर में 60 से अधिक पुराने हरे पेड़ हैं। बस अड्डे की बिल्डिंग निर्माण से पहले हरे पेड़ों का कटान शुरू हो गया है। अभी तक तीन पेड़ काटे जा चुके हैं। बस अड्डे से हरियाली गायब हो रही है।
अंडर ग्राउंड होगा बस अड्डा
सोहराब गेट बस अड्डे के नए स्वरूप के अनुसार बस अड्डा अंडर ग्राउंड होगा। आईएसबीटी दिल्ली की तर्ज पर बिल्डिंग दिखाई देगी। वाहनों के लिए मल्टीलेवल पार्किंग होगी। यात्रियों के बैठने के लिए एसी विश्राम गृह होगा जिसमें फ्री वाईफाई की सुविधा मिलेगी।
सोहराब गेट से लखनऊ समेत कई राज्यों के लिए चलती हैं बसें
गढ़ रोड पर सोहराब गेट बस अड्डे से यहां से उप्र की राजधानी लखनऊ तक ही नहीं बल्कि राजस्थान समेत कई प्रदेशों के लिए बसों का संचालन होता है अभी तक सोहराब गेट बस अड्डे पर यात्रियों के लिए उचित विश्राम गृह, पीने के पानी की व्यवस्था, वाहन पार्किंग, शौचालय आदि को उचित व्यवस्था नहीं है। नई योजना के तहत जहां बस अड्डे का स्वरूप बदल जाएगा।
एआरएम सोमपाल सिंह का कहना है कि सोहराब गेट रोडवेज बस अड्डे को हवाई अड्डे की तर्ज पर विकसित करने के लिए शासन स्तर से ही कंपनी का चयन हुआ है। फिलहाल पेड़ों का कटान चल रहा है।