
मेरठ 25 नवंबर (प्र)। भारत में कौशल विकास पहल को तेजी देने और युवाओं को अत्याधुनिक कौशल से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री माननीय श्री जयन्त चौधरी और माननीय केंद्रीय मंत्री, (रेलवे; सूचना एवं प्रसारण; और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी), श्री अश्विनी वैष्णव ने आज बड़ौत, (बागपत) स्थित चौ. केहर सिंह दिव्या पब्लिक स्कूल में स्किल इंडिया सेंटर (एसआईसी) का उद्घाटन किया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं शिक्षा राज्य मंत्री माननीय श्री जयन्त चौधरी की गरिमामय उपस्थिति में संपन्न हुआ। यह स्किल इंडिया सेन्टर, नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (एनएसडीसी) द्वारा रेडिंग्टन फाउंडेशन के सहयोग से स्थापित किया गया है। इस सेन्टर का उद्घाटन, ग्रामीण युवाओं और महिलाओं के लिए उत्तर प्रदेश में आखिरी मील तक स्किलिंग की पहुंच के एक महत्वपूर्ण विस्तार को दिखाता है।
इस पहल के माध्यम से, एनएसडीसी और रेडिंग्टन फाउंडेशन का लक्ष्य बागपत जिले के बड़ौत और छपरौली ब्लॉकों के लगभग 600 अभ्यर्थियों – मुख्य रूप से वंचित युवाओं और महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान करना है। बड़ौत सेन्टर प्रशिक्षण का मुख्य हब होगा, जबकि छपरौली में एक स्पोक सेन्टर स्थानीय पहुंच को बढ़ावा देगा। ये पाठ्यक्रम तेजी से बढ़ते इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी-आईटीईएस क्षेत्रों के अनुरूप तैयार किए गए हैं, जो क्षेत्र में कुशल पेशेवरों की मांग और डिजिटल रूप से सशक्त कार्यबल के राष्ट्रीय लक्ष्य को दर्शाते हैं।
सेंटर का उद्घाटन करते हुए माननीय कौशल विकास और उद्यमशीलता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री जयन्त चौधरी ने राष्ट्र निर्माण में कौशल की परिवर्तनकारी भूमिका पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा, “आज बड़ौत में स्किल इंडिया सेंटर का उद्घाटन, खासकर ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में हर युवा के दरवाज़े तक अवसर पहुँचाने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह सेन्टर स्थानीय क्षेत्र के युवाओं के लिए नई संभावनाओं का गेटवे बनेगा। कौशल विकास केवल रोजगार तक सीमित नहीं है, यह गौरव, मोबिलिटी और आत्मविश्वास से जुड़ा है। इस तरह के सेंटर्स के साथ, हम स्थानीय प्रतिभा के लिए नए रास्ते बना रहे हैं ताकि वे उभरते सेक्टरों में सफल हों और भारत की विकास यात्रा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें।”
इस अवसर पर श्री अश्विनी वैष्णव ने उभरती उद्योग जरूरतों के अनुरूप कार्यबल तैयार करने के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “बड़ौत में यह पहल सरकार के उस मिशन को मजबूत करती है, जिसका उद्देश्य तकनीकी रूप से सशक्त कार्यबल का निर्माण करना है, जो भारत के बढ़ते डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम का सहयोग कर सके। जब गुणवत्तापूर्ण कौशल ग्रामीण जिलों तक पहुंचाता है, तो यह युवाओं की उम्मीदों को पूरा करता है, स्थानीय अवसरों का विस्तार करता है और सामाजिक परिवर्तन को तेज करता है।
अब ज़्यादा से ज़्यादा सीखने वाले एआई-इनेबल्ड टूल्स और ट्रेनिंग अपना रहे हैं, जिससे भविष्य में स्थानीय वर्कफोर्स नए और प्रासंगिक जॉब रोल के लिए तैयार हो सकेगी।”अपने इस दौरे में दोनों मंत्रियों ने ट्रेनीज़ से संवाद किया, ट्रेनिंग लैबों का निरीक्षण किया और युवा शिक्षार्थियों को लम्बे समय तक की रोजगार योग्यता को बढ़ावा देने वाले न्यू-एज स्किल्स अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।
चल रही साझेदारी का प्रभाव अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगा है। रेडिंग्टन फाउंडेशन की सीएसआर पहल के तहत एनएसडीसी के सहयोग से प्रशिक्षित बागपत के कुल 72 अभ्यर्थियों को प्रतिष्ठित संस्थानों में सफलतापूर्वक प्लेसमेंट मिला है।
स्किल इंडिया सेन्टर का उद्घाटन उत्तर प्रदेश में एक समावेशी स्किलिंग इकोसिस्टम के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो युवाओं को उद्योग-संबंधित कौशल प्राप्त करने और आर्थिक आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर होने में सहायता करेगा।
