वाराणसी 28 अक्टूबर। शासन स्तर से आईएएस अफसरों का ट्रांसफर कर दिया गया है। वाराणसी के नगर आयुक्त शिपु गिरी सहित वीडीए उपाध्यक्ष का भी तबादला कर दिया गया है। वर्ष 2017 बैच के IAS अक्षत वर्मा को वाराणसी का नया नगर आयुक्त नियुक्त किया गया है, और 2016 बैच के IAS पुलकित गर्ग को वाराणसी विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, IAS शिपु गिरी को विशेष सचिव उच्च शिक्षा बनाया गया है। बता दें कि शिपु गिरी इसी वर्ष 27 फरवरी को नगर आयुक्त के पद पर कार्यभार ग्रहण किए थे। नगर आयुक्त बनने के बाद उन्होंने शहर में अतिक्रमण को लेकर लगातार कार्रवाई करते रहे। शहर की साफ-सफाई को लेकर भी उनका फोकस रहा।
सीतापुर में बतौर सीडीओ तैनात अक्षत वर्मा को वाराणसी में नगर आयुक्त बनाया गया है। 2017 बैच के आईएएस अक्षत वर्मा जनपद अयोध्या में 6 सितम्बर 1990 को पैदा हुए। पिता अयोध्या जिला चिकित्सालय में डॉक्टर है। अक्षत वर्मा की प्रारंभिक शिक्षा अयोध्या जनपद के ही आर्मी स्कूल से पूरी हुई। उसके बाद अक्षत वर्मा ने आईआईटी रूडकी से 2012 में बीटेक करने के बाद आईएएस की तैयारी शुरू कर दी थी। रूड़की से बी.टेक की पढ़ाई के दौरान उन्होंने बीजिंग जियाओतोंग विश्वविद्यालय, चीन में इंटर्नशिप भी किया है।
बताते चले कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की नाराजगी के बाद वाराणसी विकास प्राधिकरण (वीडीए) उपाध्यक्ष अभिषेक गोयल और नगर आयुक्त शिपू गिरि का गुरुवार की देर रात तबादला कर दिया गया। शासन स्तर से देर रात व्हाट्सअप पर तबादला आदेश भेजा गया। बताया जा रहा है कि बड़ी परियोजनाओं की धीमी प्रगति और विकास कार्यों में हीलाहवाली के चलते अफसरों पर गाज गिरी है। तबादला आदेश आने के बाद दोनों ही अधिकारी सुबह कार्यालय नहीं पहुंचे। वीडीए उपाध्यक्ष अपराह्न करीब चार बजे कार्यालय पहुंचे और शहर के लोगों से मुलाकात की। नगर आयुक्त पूरे दिन कैंप कार्यालय से फाइलें निपटाते रहे। देर शाम मंडलायुक्त की अध्यक्षता में हुई स्मार्ट सिटी की बोर्ड बैठक में वीडीए उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त शामिल हुए।
वाराणसी में ट्रांसपोर्ट नगर योजना, रिंग रोड का विकास, महायोजना-2031 के अमल में देरी के चलते वीडीए की कार्यशैली पर सवाल था। अवैध निर्माण का मामला भी पीएमओ और शासन तक पहुंचा था। जिले के जनप्रतिनिधियों ने पूरे मामले की जानकारी मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र और नगर विकास के प्रमुख सचिव को भी दी थी। कार्यप्रणाली काे बेहद खराब बताया। वीडीए में आवागमन की टोकन प्रणाली पर भी नाराजगी जताई गई थी। कहा गया था कि आम आदमी सामान्य ढंग से कार्यालय में नहीं जा सकता है। टोकन बनाने के बाद ही अंदर जाने दिया जाता है। इससे शहरवासियों में नाराजगी बढ़ी है। शहर में निकलने और जनप्रतिनिधियों से किनारा करने का मामला भी पीएमओ तक पहुंचा था।
दूसरी तरफ, निकाय चुनाव के पांच महीने बीतने के बाद भी वाराणसी में नगर निगम की ओर से कोई नई पहल नहीं हो पाई थी। नगर निगम सदन और कार्यकारिणी में जिन मुद्दों पर मुहर लगी, उनका क्रियान्वयन तक नहीं हो सका था। करीब डेढ़ महीने पहले काशी दौरे पर आए मुख्य सचिव को पूरे मामले की जानकारी भी दी गई थी। मुख्य सचिव ने मेयर सहित कई अफसरों व कर्मियों से फीडबैक भी लिया था।