Friday, November 22

चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी भ्रष्टाचार में घिरे

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मेरठ 08 फरवरी (प्र)। चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी संजय कुमार भ्रष्टाचार के मामले में घिर गए हैं। उनके खिलाफ शासन स्तर से एक जांच कमेटी गठित की गई है, जो कमेटी बुधवार को लखनऊ से मेरठ पहुंची तथा संबंधित लोगों से बातचीत कर भ्रष्टाचार के मामले में सबूत जुटाए गए। इस मामले में एक अधिवक्ता ने ऑडियो टैप भी जांच टीमों को सौंपा गया, जिसमें एक अधिवक्ता से चकबंदी बंदोबस्त अधिकारी ने दस लाख रुपये की मांग की।

ये ऑडियो टेप पहले डीएम को भी सौंपा जा चुका हैं। ये ऑडियो टेप भ्रष्टाचार के मामले का एक सबूत है। ये मामला था ग्राम शेफपुर फिरोजपुर में एक किसान के अधिवक्ता नवनीत कुमार का। किसान के मामले में अधिवक्ता ने फोन पर बातचीत की, जिसमें 10 लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी, जिसकी अधिवक्ता ने आॅडियो टेप डीएम को सौंपा था। मामले की जांच आईएएस जागृति अवस्थी ने भी की थी।इसके सबूत भी सौंपे गए थे।

बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी संजय कुमार ने विभाग में कार्य की कमी में स्टाफ की अधिकता का भी लाभ उठाया। ऐसे आरोप विनोद कुमार ने इसकी शिकायत शासन में करके की है। सात बिंदुओं को लेकर भ्रष्टाचार की शिकायतें की गई तथा उनके सबूत भी शासन में भेजे गए। उसी को आधार बनाते हुए शासन ने एक जांच कमेटी गठित की, जो जांच कमेटी बुधवार को लखनऊ से मेरठ पहुंची तथा भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे हैं, उनसे संबंधित सबूत को इकट्ठा किया गया। यही नहीं, सर्किट हाउस में ये कमेटी रुकी हुई है, जहां उन्होंनेआरोप लगाने वालों से भी बातचीत की और शपथ पत्र पर शिकायत ली गई। उनसे तमाम सबूत लिए गए। वो आॅडियो टेप भी उपलब्ध कराया गया, जिसमें बंदोबस्त अधिकारी ने10 लख रुपए की मांग की थी। उपरोक्त प्रकरण में जांच कमेटी लखनऊ से जांच करने के लिए मेरठ आयीं हैं।

दो दिन और ये टीम यहां रुकेगी। जांच टीम तरुण मिश्रा की अध्यक्षता में जांच पड़ताल कर रही हैं। चकबंदी कार्यालय में भी टीम गई थी। बाद में सर्किट हाउस भी टीम ने कुछ लोगों को बुलाकर बातचीत की। तमाम साक्ष्य इससे संबंधित टीम को उपलब्ध कराये गए।

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